पठानकोट, 10 जून (आईएएनएस)। पंजाब के पठानकोट की एक विशेष अदालत ने जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म व हत्या के मामले में सोमवार को सात में से छह को दोषी करार दिया। अदालत ने इनमें से तीन, मंदिर के पुजारी व मामले के मास्टरमाइंड संजी राम, दीपक खजुरिया व प्रवेश कुमार को 25 साल की उम्रकैद की सजा सुनाई।
जांच अधिकारियों राज और दत्ता और विशेष पुलिस अधिकारी सुरेंद्र कुमार को मामले में महत्वपूर्ण सबूत नष्ट करने के लिए पांच साल की सजा सुनाई गई।
संजी राम के बेटे विशाल को साक्ष्यों की कमी की वजह से रिहा कर दिया गया, लेकिन उसके नाबालिग भतीजे का भाग्य किशोर न्यायालय द्वारा तय किया जाएगा। मामले में आठ आरोपी हैं।
उसका मुकद्मा अभी शुरू होना है। जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय में उसकी उम्र निर्धारित करने की याचिका प्रतीक्षारत है, उस पर मुकदमा चलाना शुरू करना अभी बाकी है।
पठानकोट जिला व सत्र न्यायाधीश तेजविंदर सिंह ने खुली अदालत में फैसला सुनाया। मामले की सुनवाई 3 जून को समाप्त हुई।
सभी छह आरोपी निचली अदालत के फैसले के खिलाफ एक महीने में उच्च न्यायालय से संपर्क कर सकते हैं।
दोषी करार दिए गए लोगों के परिवारों ने फैसले के लिए मीडिया को जिम्मेदार ठहराया।
बचाव पक्ष के वकील ने कहा, “यह एक बुरा फैसला है और हम इसे उचित अदालत में चुनौती देने जा रहे हैं।”
मामले के हाई-प्रोफाइल प्रकृति के वजह से निचली अदालत में फैसले को लेकर व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए थे।
आरोप पत्र के अनुसार, लड़की का अपहरण किया गया और 10 जनवरी 2018 को कठुआ जिले के गांव के मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया। लड़की मुस्लिम खानाबदोश जनजाति से थी। उसे भूखा रखा गया था, नशीली दवाएं दी गईं थीं, चार दिन तक लगातार उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और फिर पत्थर से कुचलकर मासूम की हत्या कर दी गई थी।