बैतूल, 18 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय वनसेवा के भावी अधिकारियों की इन दिनों मध्य प्रदेश के बैतूल के जंगल में कक्षा चल रही है। वन विभाग के अधिकारी प्रशिक्षण हासिल कर रहे इन अधिकारियों को जंगल बचाने और बढ़ाने के वह गुर सिखा रहे हैं, जो उनके सेवाकाल में काम आएं।
बैतूल, 18 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय वनसेवा के भावी अधिकारियों की इन दिनों मध्य प्रदेश के बैतूल के जंगल में कक्षा चल रही है। वन विभाग के अधिकारी प्रशिक्षण हासिल कर रहे इन अधिकारियों को जंगल बचाने और बढ़ाने के वह गुर सिखा रहे हैं, जो उनके सेवाकाल में काम आएं।
देहरादून में प्रशिक्षण हासिल कर रहे वन अधिकारियों का दल इन दिनों देश के भ्रमण पर निकला है। इस दौरान इस दल के सदस्य विभिन्न क्षेत्रों के जंगलों का न केवल जायजा ले रहे हैं, बल्कि संबंधित राज्य में जंगल विकास के लिए चल रहे कार्यो की जानकारी हासिल कर रहे हैं।
इसी क्रम में यह दल शुक्रवार को बैतूल पहुंचा और शनिवार को उसने उत्तर वन मंडल सामान्य के बैतूल परिक्षेत्र के अर्जुन गोंडी में वृक्ष चिन्हीकरण, पुर्नजीवन के लिए चल रहे कार्यो को जाना।
यहां मौजूद वन मंडलाधिकारी ए. एस. तिवारी ने अधिकारियों के दल को बताया कि वृक्षों को काटने के लिए किस तरह से चिन्हित करते हैं और उनके काटने की तकनीक क्या है और उसी वृक्ष को किस तरह पुर्नजीवित किया जा सकता है।
तिवारी की अगुवाई में यह दल शनिवार को जंगल में घूमा और वृक्ष कटाई, चिन्हीकरण और पुर्नजीवन के लिए चल रहे प्रयासों का जायजा लिया। तिवारी बताते हैं कि राज्य में बैतूल का जंगल सबसे घना है। लिहाजा यहां आए भावी अधिकारियों को जंगल को करीब से जानने का मौका मिलता है।
प्रशिक्षण हासिल कर रहे दल की सदस्य कश्मीर निवासी श्वेता ने आईएएनएस को बताया कि मध्य प्रदेश में जंगल को सहेजने के लिए बेहतर और व्यवस्थित तरीके से काम हो रहा है। वे सैद्धांतिक जानकारी तो बंद कमरे में चलने वाली कक्षाओं में हासिल कर लेते हैं, मगर मैदानी ज्ञान तो उन्हें जंगल में आकर ही होता है।
झारखंड की रिंकू कुमार बताती हैं कि उनके लिए बैतूल के जंगल में आना एक सुखद अनुभव है। यहां के जंगल का भ्रमण करने पर उन्हें जमीनी हकीकत जानने का मौका मिला। वहीं आंध प्रदेश के रिजुल कुमार कहते हैं कि जंगल में चलने वाले कार्यो को मौके पर ही देखा जा सकता है और यहां आना उनके लिए एक अच्छा अनुभव रहा।
जंगल में चल रही वन अधिकारियों की कक्षा का नजारा जुदा होता है, यहां जंगल की कार्ययोजना से लेकर वन विस्तार के लिए चल रहे कार्यो से अनुभवी अधिकारी एक-एक वृक्ष के करीब पहुंचकर उसके चिन्हीकरण से लेकर काटने की विधि को बताता है। यह कक्षा इन अधिकारियों के लिए भावी भविष्य को संवारने में मददगार साबित होंगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।