ग्वालियर, 5 जून (आईएएनएस)। उजड़ते जंगल और कम होती हरियाली ने पक्षियों को इंसानों की बस्तियों से दूर कर दिया है, पक्षियों का कलरव और चहचहाहट इंसानी जिंदगी का हिस्सा नहीं रहा। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पक्षियों की वातावरण में हलचल बढ़े, इस मकसद से पक्षी पार्क बनाए जाने की योजना तैयार की गई है और इस पर अमल भी शुरू हो गया है। इस पक्षी पार्क में जलीय जंतुओं और अन्य पक्षियों का संरक्षण किया जाएगा। यह राज्य का पहला नगरीय क्षेत्र का पक्षी पार्क होगा।
ग्वालियर, 5 जून (आईएएनएस)। उजड़ते जंगल और कम होती हरियाली ने पक्षियों को इंसानों की बस्तियों से दूर कर दिया है, पक्षियों का कलरव और चहचहाहट इंसानी जिंदगी का हिस्सा नहीं रहा। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पक्षियों की वातावरण में हलचल बढ़े, इस मकसद से पक्षी पार्क बनाए जाने की योजना तैयार की गई है और इस पर अमल भी शुरू हो गया है। इस पक्षी पार्क में जलीय जंतुओं और अन्य पक्षियों का संरक्षण किया जाएगा। यह राज्य का पहला नगरीय क्षेत्र का पक्षी पार्क होगा।
शहर के मुरार क्षेत्र में खुरैरी तालाब स्थित है। यह सरकारी तालाब लगभग एक लाख 45 हजार वर्ग फुट में फैला हुआ है। यहा हर मौसम में पक्षियों का आना होता है, मगर हरियाली की कमी के कारण यहां पक्षी रुक नहीं पाते। इसी को ध्यान में रखकर जिला प्रशासन ने तालाब के चारों ओर पक्षी पार्क विकसित करने की योजना बनाई है।
अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व (एसडीएम) पुष्पा पुषाम और वन्य विशेषज्ञ गौरव परिहार ने पिछले दिनों खुरैरी तालाब का जायजा लिया और इस स्थान को पक्षी पार्क के लिए उपयुक्त पाया।
एसडीएम पुष्पा पुषाम ने आईएएनएस को बताया, “सबसे पहले यह प्रयास किया जा रहा है कि तालाब तक बारिश का पानी आसानी से पहुंचे और पूरे साल इस तालाब में भरपूर पानी रहे। इसके बाद पौधों का रोपण किया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि इस इलाके में हरियाली विकसित करने के लिए 20 किस्म के घने, छायादार वृक्ष लगाए जाएंगे। इस तालाब में कछुए और मछली की कुछ प्रजातियां पहले से ही संरक्षित की जा रही हैं।
पक्षी पार्क बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, “जब स्थल निरीक्षण किया जा रहा था तो वहां 10 से ज्यादा प्रजातियों के पक्षी दिखे और वह क्षेत्र वन इलाका है, लिहाजा पार्क का विचार आया। इस पर आगे काम किया जा रहा है।”
योजना के मुताबिक, खुरैरी तालाब के चारों ओर लगभग 80 हजार वर्ग फुट में फैले क्षेत्र में हरियाली विकसित कर इसे ईको जोन बनाया जाएगा। चारों ओर फेंसिंग की जाएगी, ताकि जलीय जंतुओं और पक्षियों को किसी तरह का नुकसान न पहुंचाया जा सके।
जिलाधिकारी अनुराग चौधरी के अनुसार, पार्क बनाने के प्रयास शुरू हो गए हैं, प्रवासी पक्षियों की मौजूदगी से यह स्थान शहर का प्रतीक स्थल बन जाएगा।
चौधरी के अनुसार, “खुरैरी तालाब के क्षेत्र में कुछ प्रजाति के पक्षी पहले से आते हैं, मगर अब लक्ष्य 120 प्रजातियों का बनाया गया है, जिन्हें लुभाया जाएगा। इनमें ग्रीन बी ईटर, पीड मायाना, पेरिया काइट, इंडियन रोलर, लिटिल ब्राउन डव, कोर्मोरेंट, ब्लैक विंग स्टिल्ट, इंडियन रोबिन प्रमुख हैं।”
पक्षियों को लुभाने के लिए 20 किस्म के पेड़ लगाए जाने की योजना है। इनमें गूलर, बरगद, पीपल कैंपलस, व्हाइट मोर्निग ग्लोरी, अर्जुन बबूल, चाइनीज हनी सकल, आम, इंडियन बेल, कदम, परिजात आदि प्रमुख हैं।
तालाब को पक्षी पार्क के तौर पर विकसित करने की योजना के तहत जो प्रारूप तैयार किया गया है, उसके मुताबिक, एक तरफ जहां तालाब के चारों ओर पेड़ लगाए जाएंगे, वहीं तालाब के बीच में एक टापू बनाया जाएगा, ताकि पक्षी वहां सुरक्षित प्रजनन कर सकें।