पटना, 4 जून (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां मंगलवार को कहा कि शौचालय निर्माण के बाद भी लोग खुले में शौच जाते हैं, उनकी इस आदत में बदलाव के लिए प्रेरित करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खुले में शौच से मुक्ति और पीने का शुद्घ पानी अगर उपलब्ध हो जाए तो 90 फीसदी बीमारियों से छुटकारा मिल जाएगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां ‘हर घर शौचालय निर्माण निश्चय योजना’ की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि “शुद्घ पेयजल के लिए हमलोग हर घर नल का जल उपलब्ध करा रहे हैं, चापाकल की व्यवस्था की जा रही है और जो सार्वजनिक कुंए हैं, उसे ठीक कराया जाएगा।”
उन्होंने शहरी क्षेत्रों में आवास विहीन लोगों के लिए चलंत शौचालय की व्यवस्था करने का निर्देश अधिकारियों को दिया।
इससे पहले ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविंद चौधरी ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि इस वर्ष दो अक्टूबर तक राज्य को पूर्णत: खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि लोहिया स्वच्छ अभियान के तहत जून 2016 में ग्रामीण विकास विभाग को यह काम सौंपा गया था।
ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने बताया कि राज्य के 534 प्रखंडों में से 247 प्रखंड अब तक खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि 8,386 ग्राम पंचायतों में से 6,271 ग्राम पंचायत खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि हमलोगों का लक्ष्य खुले में शौच से मुक्त सिर्फ बनाना ही नहीं, बल्कि इसको नियमित बनाए रखना है।
बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार सिंह, मुख्य सचिव दीपक कुमार सहित कई अधिकारी उपस्थित थे।