श्रीनगर, 4 जून (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अलगाववादी नेता व जम्मू एवं कश्मीर में पत्थरबाज गिरोह के कथित सरगना मसरत आलम भट को राज्य की जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल ले जाया गया है। एजेंसी ने आतंकवादी फंडिंग मामले में पूछताछ के लिए ऐसा किया है।
सूत्रों ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर मुस्लिम लीग के अध्यक्ष भट को सोमवार देर शाम एक टीम दिल्ली ले गई। इस टीम में एनआईए व जम्मू एवं कश्मीर पुलिस के अधिकारी शामिल थे।
भट को एनआईए न्यायिक हिरासत के लिए पटियाला हाउस अदालत के समक्ष पेश करेगी।
एनआईए आतंकवादी फंडिंग मामले के संबंध में पूछताछ के लिए भट की हिरासत की मांग करेगी। यह मामला एजेंसी ने हिजबुल कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर घाटी में भड़की हिंसा के बाद मई 2017 में दर्ज किया था।
मसरत भट, यासीन मलिक के बाद दूसरा बड़ा अलगाववादी नेता है, जिसे एनआईए ने मामले से जुड़े होने को लेकर दिल्ली ले गई है।
भट 2010 से सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में है। उसने विरोध प्रदर्शन शुरू करने व 2010 में पथराव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे आखिरकार घाटी में अशांति फैली, जिसमें 110 प्रदर्शनकारी मारे गए।
यह संकट राज्य में सत्तारूढ़ पीडीपी व भाजपा गठबंधन की सरकार के दौरान शुरू हुआ था, जब मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने मसरत को 2015 में सत्ता में आने के तुरंत बाद रिहा किया था।
सईद के फैसले ने गठबंधन को टूटने के कगार पर आ गया और उनके पास पीएसए के तहत फिर से भट की नजरबंदी के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।
जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय ने मसरत अलम के पीएसए नजरबंदी आदेश को अब तक 37 बार से ज्यादा बार दरकिनार कर चुका है। प्रशासन हर बार उसी अधिनियम के तहत उस पर मामला दर्ज कर रहा है।
अब तक एनआईए ने कई अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया है। इसमें आफताब हिलाली शाह उर्फ शाहिद-उल-इस्लाम, अयाज अकबर खांडे, फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, नईम खान, अल्ताफ अहमद शाह, राजा मेहराजुद्दीन कलवाल व बशीर अहमद भट उर्फ पीर सैफुल्लाह शामिल हैं।
अल्ताफ अहमद शाह , हुर्रियत प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी का दामाद है। अल्ताफ जम्मू एवं कश्मीर के पाकिस्तान के साथ विलय की वकालत करता है।
शाहिद-उल-इस्लाम, डार का सहयोगी है और खांडे, गिलानी की अगुवाई वाले हुर्रियत का प्रवक्ता है। कश्मीरी व्यापारी जहूर अहमद शाह वटाली को अगस्त 2017 में गिरफ्तार किया गया।
आतंकवादरोधी एजेंसी ने 18 जनवरी 2018 को 12 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। इसमें लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद व हिजबुल मुजाहिद्दीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन शामिल हैं, जो आतंकवादी फंडिंग मामले से जुड़े हैं।