Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 आदिवासी संस्कृति के देव-स्थानों के संरक्षण की योजना स्वीकृत | dharmpath.com

Saturday , 23 November 2024

Home » राज्य का पन्ना » आदिवासी संस्कृति के देव-स्थानों के संरक्षण की योजना स्वीकृत

आदिवासी संस्कृति के देव-स्थानों के संरक्षण की योजना स्वीकृत

May 28, 2019 9:49 am by: Category: राज्य का पन्ना Comments Off on आदिवासी संस्कृति के देव-स्थानों के संरक्षण की योजना स्वीकृत A+ / A-
indexभोपाल :

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में आदिवासी संस्कृति के देव-स्थानों के संरक्षण एवं देव-दर्शन की योजना को मंजूरी दी गई। योजना में देवी-देवता, ग्राम देवी-देवता एवं समुदाय के देवी-देवता विभिन्न आदिवासी समुदायों में गौंड जनजाति और उनकी उप जातियों, कोरकू, मवासी, भील जनजाति के ऐसे पारम्परिक देवठान/थानक आदिवासी, जो आदिवासी बस्तियों/टोलों/मोहल्लों में स्थित है, उनका निर्माण एवं जीर्णोद्धार कर संरक्षण किया जाएगा। योजना को वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक संचालित करने के लिए वित्तीय आकार स्वरूप 40 करोड़ रूपये की स्वीकृति की गई।

मंत्रि-परिषद ने रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं विपणन) नियम, 2019 का अनुमोदन किया। इस नियम के प्रावधानों के अधीन रेत खदानों की समूह बनाकर नीलामी की जायेगी। इससे राज्य शासन को राजस्व की प्राप्ति होगी। पंचायतों को इससे प्राप्त होने वाली राशि में भी वृद्धि के प्रावधान किये गये हैं। ई-नीलामी से खदानें नीलाम होने से पारदर्शिता भी कायम रहेगी। नर्मदा नदी में रेत का उत्खनन मशीनों से नहीं किया जायेगा। अन्य नदियों में रेत खनन में मशीनों उपयोग करने की अनुमति पर्यावरण की स्वीकृति के आधार पर दी जा सकेगी।

पंचायतों को स्वयं के द्वारा कराये जा रहे शासकीय/सार्वजनिक कार्यों में रेत की आपूर्ति वैध खदानों से की जायेगी। पंचायतों द्वारा ऐसे कार्यों के लिए चुकाई गई रॉयल्टी राशि विभाग द्वारा लौटाई जायेगी। पंचायतों द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्य, जो ठेके पर दिये गये हैं, उन पर रॉयल्टी से छूट नहीं दी जायेगी।

मंत्रि-परिषद ने छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय की स्थापना करने का भी आज निर्णय लिया। इसमें बैतूल, छिंदवाड़ा, बालाघाट, सिवनी के 138 महाविद्यालय शामिल होंगे।

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लैंड पुलिंग योजना-2019 को प्रायोगिक तौर पर लागू करने का निर्णय लिया। योजना का उद्देश्य औद्योगिक क्षेत्र अथवा एकीकृत औद्योगिक नगर के विकास के लिये भूमि पुलिंग के लिये निष्पक्ष और पारदर्शी कार्य-प्रणाली विकसित करना है। कार्य-प्रणाली अंतर्गत भूमि स्वामी औद्योगिक क्षेत्र/औद्योगिक नगर में साझेदारी महसूस कर सकेंगे तथा औद्योगिकीकरण के लाभ का एक अंश भूमि स्वामी को पहुँच सकेगा। औद्योगिक निवेश को गति देने के लिये इसी क्रम में पीथमपुर, मण्डीदीप जैसे औद्योगिक क्षेत्रों का विकास एवं विस्तार लगातार किया जा रहा है।

मंत्रि-परिषद की बैठक में बताया गया कि वर्ष 2019-20 के लिए प्रदेश में उद्यानिकी एवं खादय प्र-संस्करण विभाग के माध्यम से मुख्यमंत्री प्याज कृषक प्रोत्साहन योजना 8 मार्च,2019 को लागू की गई। आपरेशन ग्रीन्स के मूल्य स्थिरीकरण घटक के तहत पूर्व वर्ष की भांति ही वित्तीय वर्ष 2019-20 में रबी फसल प्याज का समर्थन मूल्य 800 रूपये प्रति किवंटल रखा गया है। प्याज के परिवहन पर योजना के तहत 50 प्रतिशत अनुदान केन्द्र द्वारा तथा 25-50 प्रतिशत अनुदान राज्य शासन द्वारा दिये जाने के विस्तृत निर्देश जारी किये गए हैं।

आदिवासी संस्कृति के देव-स्थानों के संरक्षण की योजना स्वीकृत Reviewed by on . भोपाल : मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में आदिवासी संस्कृति के देव-स्थानों के संरक्षण एवं देव-दर्शन की योजना को भोपाल : मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में आदिवासी संस्कृति के देव-स्थानों के संरक्षण एवं देव-दर्शन की योजना को Rating: 0
scroll to top