नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि वामपंथी दलों को लोकसभा चुनाव में ‘बुरी तरह हार’ का सामना करना पड़ा है।
नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि वामपंथी दलों को लोकसभा चुनाव में ‘बुरी तरह हार’ का सामना करना पड़ा है।
माकपा ने कहा कि 2014 के बाद भाजपा की अगुवाई वाली राजग को मिली प्रचंड जीत ‘दक्षिणपंथी आक्रामक हमले को मजबूत करने’ के संकेत हैं।
माकपा की पत्रिका ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ में एक संपादकीय में कहा गया, “दक्षिणपंथी पार्टी द्वारा 2014 के बाद से आक्रामक हमलों को मजबूत करने के कारण यह चुनाव परिणाम आए हैं।”
इसमें कहा गया है,”वास्तविकता यह है कि वामपंथी सहित दूसरे धर्मनिरपेक्ष विपक्षी दल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)- राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) गठबंधन द्वारा स्थापित राजनीतिक व वैचारिक विचारधाराओं को चुनौती नहीं दे पाए।”
माकपा ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक अभियान शुरू हुआ, जिसने जुझारू राष्ट्रवाद को एक तेज सांप्रदायिक एजेंडे के साथ जोड़ा और राष्ट्रवाद की आड़ में प्रमुख भावनाओं को भुनाने की कोशिश हुई।”
संपादकीय में कहा गया, “ऐसा लगता है कि भाजपा ने अभियान में मोदी को एक मजबूत नेता के रूप में प्रस्तुत किया, जिसके लिए राष्ट्रवाद का और पुलवामा हमले के बाद बालाकोट में हुई कार्रवाई का सहारा लिया गया। लोगों ने कृषि संकट, बेरोजगारी, बिगड़ती शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं और अल्पसंख्यकों, महिलाओं व दलितों पर लगातार होते हमले जैसे जमीनी मुद्दों को छोड़कर राष्ट्रवाद के लिए वोट किया।”
माकपा ने विपक्ष की न सुनने और “नरेंद्र मोदी और (भाजपा अध्यक्ष) अमित शाह के सांप्रदायिक और भाषाई भाषणों” को वैध ठहराने के लिए चुनाव आयोग की निंदा की।
संपादकीय में कहा गया है कि पार्टी चुनाव परिणामों का आलोचनात्मक चिंतन करेगी।