नई दिल्ली, 20 मई (आईएएनएस)। पूर्व केंद्रीय मंत्री एम.जे.अकबर ने सोमवार को पत्रकार प्रिया रमानी से दिसंबर 1993 में नौकरी के साक्षात्कार के लिए मुंबई के द ओबेरॉय होटल में मुलाकात करने और उनसे पेशेवर प्रश्न से ज्यादा निजी प्रश्न पूछने की बात से इनकार किया है।
अकबर ने कहा, “क्योंकि कोई मुलाकात नहीं हुई थी, इसलिए यह कहना गलत होगा कि मैंने प्रिया रमानी से उनके लेखन कौशल, समसमायिकी और पत्रकारिता की दुनिया में कदम रखने की उनकी क्षमता के बारे में नहीं पूछा।”
अदालत रमानी के खिलाफ अकबर की मानहानि याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
अकबर ने अतिरिक्त महानगर दंडाधिकारी समर विशाल के समक्ष खुद की जिरह के दौरान कहा, “मैं उनसे उस दिन नहीं मिला, इसलिए मैं नहीं जानता कि वह कैसे मेरे व्यवहार से हतोत्साहित हुई।”
सुनवाई के दौरान दो वरिष्ठ अधिवक्ताओं -अकबर की वकील गीता लूथरा और रमानी की वकील रेबेका जॉन- के बीच तीखी बहस देखी गई, क्योंकि लूथरा ने जॉन द्वारा पूछे गए कई सवालों पर आपत्ति जताई।
अकबर ने कहा, “यह कहना गलत होगा कि रमानी और मेरे बीच मेरी तरफ से पेशेवर बातचीत से ज्यादा निजी बातचीत की गई। यह भी कहना गलत होगा कि मैंने उनसे उनके परिवार के बारे में पूछा और वह बाहर पढ़ने क्यों गई, इस बारे में पूछा।”
पूर्व मंत्री ने कमरे के मिनी-बार से रमानी को शराब की पेशकश करने और फिर पुराने हिंदी गीत गाने और उन्हें संगीत पसंद है या नहीं, यह पूछे जाने से इनकार किया।
उन्होंने कहा कि वह इस बात को लेकिर पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं कि उन्हें जनवरी 1994 में द एशियन एज अखबार के दिल्ली कार्यालय में नौकरी दी गई या फिर 10 दिन के बाद उन्हें मुंबई कार्यालय स्थानांतरित कर दिया गया।
अकबर ने हालांकि इस बात से सहमति जताई कि उन्हें मालूम है कि 2017 में कई महिलाओं, मॉडल और अमेरिका में मनोरंजन जगत से जुड़ी कई महिलाओं ने हॉलीवुड निर्माता और विंस्टन कंपनी के सह संस्थापक हार्वे विंस्टन के खिलाफ सार्वजनिक रूप से यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए।
अकबर के साथ जिरह पूरी नहीं हुई, इसलिए अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 6 जुलाई के लिए मुकर्रर कर दी।