नई दिल्ली, 17 मई (आईएएनएस)। सुपर कप में हिस्सा ने लेने पर अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) द्वारा आई-लीग क्लबों पर लगाए गए जुर्माने में भेदभाव देखा गया। इसके बाद आई-लीग क्लबों का कहना है कि यह उनके बीच में स्थापित एकता को एआईएफएफ द्वारा तोड़ने की कोशिश है।
नई दिल्ली, 17 मई (आईएएनएस)। सुपर कप में हिस्सा ने लेने पर अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) द्वारा आई-लीग क्लबों पर लगाए गए जुर्माने में भेदभाव देखा गया। इसके बाद आई-लीग क्लबों का कहना है कि यह उनके बीच में स्थापित एकता को एआईएफएफ द्वारा तोड़ने की कोशिश है।
एआईएफएफ की अनुशासन समिति ने 16 मई को पांच आई-लीग क्लबों- गोकुलाम केरल एफसी, मिनर्वा पंजाब एफसी, नेरोका, आइजॉल एफसी और चर्चिल ब्रदर्स पर 10-10 लाख रुपये जुर्माना लगाया था। लेकिन वहीं ईस्ट बंगाल पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
ऊषानाथ बनर्जी की अध्यक्षता वाली समिति जिसमें हरेश् वोरा, आदित्य रेड्डी, प्रतीक चडढा और मादहाब एम. घोष शामिल हैं, के इस फैसले पर कई सवाल खड़े हुए थे।
गोकुलाम केरल एफसी के उपाध्याक्ष वी.सी. प्रवीण ने आईएएनएस से कहा, “वो क्यों अलग-अलग टीमों पर अलग जुर्माना लगा रहे हैं जबकि गलती सभी की एक ही है।”
ईस्ट बंगाल ने सुपर कप में हिस्सा ने लेने के पीछे तर्क यह दिया था कि उसके प्रायोजक क्वेस ने ऐसा करने से मना किया है।
जब प्रवीण से पूछा गया कि क्या एआईएफएफ आई-लीग क्लबों की एकता को तोड़ने की कोशिश कर रही है तो उन्होंने कहा, “हां, वह सही मायने में यही काम कर रहे हैं नहीं तो कोई भी समान गलती के लिए अलग-अलग जुर्माना नहीं लगाता।”
उन्होंने कहा, “जब हम भुवनेश्वर में तीन-चार दिन रुके तभी हमने पांच-सात लाख रुपये गंवा दिए। हम खेलने को तैयार थे। हम आगे क्या कार्रवाई करनी है इसे लेकर अपने वकील से बात कर रहे हैं।”