नाशिक (महाराष्ट्र), 15 जनवरी (आईएएनएस)। नाशिक में पुलिस थाने और पुलिसकर्मियों पर किए गए हमले में शामिल 18 सैन्य अधिकारियों को गिरफ्तारी के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। हालांकि बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।
गिरफ्तार सैन्य अधिकारियों को नाशिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया, लेकिन बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।
इससे पहले पुलिस उपायुक्त हेमराजसिंह राजपूत ने आईएएनएस को बताया, “हमने बुधवार की घटना में शामिल 150 से अधिक सैन्य अधिकारियों में से 18 लेफ्टिनेंट को गिरफ्तार किया है।”
उन पर हमला, हिंसा, अवैध कब्जा, सरकारी कर्मचारियों को कर्तव्य पालन से रोकने और सरकारी संपत्ति को नष्ट करने का आरोप है।
राजपूत ने बताया कि दोनों घटनाओं में शामिल सभी देवलाली कैम्प्स स्कूल ऑफ आर्टिलरी के अधिकारी और लेफ्टिनेंट हैं।
इस मामले में मुंबई के पुलिस महानिदेशक को विस्तृत रिपोर्ट सौंपी गई है। उधर रक्षा मंत्रालय ने जांच के आदेश दिए हैं।
पुलिस ने बताया कि लेफ्टिनेंट आशीष बगुल और उनके रिश्तेदार जयंत नारद ने मंगलवार शाम पार्किं ग को लेकर हुए विवाद के दौरान कुछ पुलिसकर्मियों पर हमला किया था। आशीष उस वक्त छुट्टी पर थे।
राजपूत ने कहा कि लेफ्टिनेंट बागुल को बुधवार सुबह सैन्य अधिकारियों के हवाले कर दिया गया और उनके खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया गया, जबकि दूसरे व्यक्ति को अदालत के सामने पेश किया गया है।
दूसरी घटना बुधवार दोपहर उस वक्त हुई जब घटना के विरोध में देवलाली शिविर के 150 से अधिक युवा सैन्य अधिकारियों ने उपनगर पुलिस थाने और पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया।
इस घटना में दो महिला कांस्टेबल को गंभीर चोटें आई हैं। एक महिला पुलिसकर्मी नम्रता देसाई को कमरे में बंद कर दिया गया था।
पुलिस वाहन के चालक सी.गंगुर्दे की पिटाई की गई। घटना में चोट आने के बाद बुधवार को उनकी सर्जरी की गई। उनकी हालत गुरुवार को स्थिर बनी हुई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।