नई दिल्ली, 15 जनवरी (आईएएनएस)। जीवन की नश्वरता पर केंद्रित लेखक-फोटोग्राफर किशोर ठुकराल की एक सप्ताह तक चलने वाली फोटो प्रदर्शनी गुरुवार से शुरू हुई, जिसमें बौद्ध धर्म से जुड़े सुदूर पूर्वी एशिया से लेकर अफ्रीका तक के विभिन्न स्थानों पर रहने वाले लोगों के जीवन के विभिन्न स्वरूप प्रदर्शित होंगे।
प्रदर्शनी ‘इफेमेरा’ का उद्घाटन गुरुवार कोइंडिया हैबिटेट सेंटर में हुआ। इसका उद्घाटन प्रसिद्ध संगीतकार शांतनु मोइत्रा ने किया। प्रदर्शनी 20 जनवरी तक चलेगी।
इस मौके पर प्रदर्शनी की क्युरेटर अलका पांडे ने ठुकराल के हजारों फोटोग्राफों के संग्रह में से 73 फोटो के अपने चुनाव के बारे में विस्तार से बताया। ठुकाराल ने जापान से लेकर मॉरीशस तक के विभिन्न शैलियों, स्वरूपों एवं रंगों को अपने कैमरे में कैद किया है।
इस मौके पर कला, साहित्य एवं सिनेमा जगत का समागम भी दिखा। प्रसिद्ध अभिनेत्री दीप्ति नवल ने अनेक चित्रकारों, विद्वानों, लेखकों और कला मर्मज्ञों के अलावा उपरी हिमालय क्षेत्र के बौद्ध भिक्षुओं की मौजूदगी में ठुकराल की नवीनतम पुस्तक का विमोचन किया।
198 पेज की इस पुस्तक का शीर्षक ‘इफेमेरा’ रखा गया है जिसमें फिल्म कलाकार एवं फोटोग्राफर दिप्ती नवल ने प्राक्कथन भी लिखा है। अभिनेत्री ने ठुकराल की कृतियों की तारीफ करते हुए कहा कि इस पुस्तक में शामिल तस्वीरें तथा कविताएं विचारोत्तेजक हैं। एक मनुष्य के रूप में ठुकराल की संवेदनशीलता उनकी तस्वीरों एवं उनके शब्दों में झलकते हैं।
ठकराल ने कई फोटोग्राफी प्रदर्शनियों का आयोजन किया है और स्पीति, डांगखर और वज्रयान बौद्ध कला पर सचित्र व्याख्यान पेश किए। उनकी तस्वीरें भारत सरकार के भारतीय डाक के द्वारा बुद्ध पर बने 2011 के कैलेंडर सहित, पुस्तकों, पत्रिकाओं और कैलेंडरों में प्रकाशित की गई हैं।
उन्होंने 2011 में ‘शरणम् गच्छामि : जागृति का एक एलबम’ का संपादन भी किया था। यह बौद्ध सिद्धांतों पर फोटोग्राफिक इंटरप्रीटेशन की एक कॉफी टेबल बुक है, जिसमें रिचर्ड गेरे, स्टीव मैकक्युरी, रघु राय और दीप्ति नवल सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों से 20 फोटोग्राफरों के तस्वीरों को शामिल किया गया है।
उनके अन्य कार्यो में ‘द क्रॉनिकल्स डाउटर’ (2002) नामक उपन्यास शामिल हैं। वह वर्तमान में हिमालय और तिब्बती बौद्ध शास्त्र पर एक पुस्तिका पर काम कर रहे हंै। उन्होंने पुरस्कार विजेता फिल्म ‘आई एम कलाम’ के लिए थीम गीत सहित कई गीतों को लिखा और अनुवाद भी किया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।