कोलकाता, 8 मई (आईएएनएस)। अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) की तकनीकी समिति गुरुवार को यहां फुटबाल हाउस में भारत के अगले कोच को चुनेगी।
कोलकाता, 8 मई (आईएएनएस)। अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) की तकनीकी समिति गुरुवार को यहां फुटबाल हाउस में भारत के अगले कोच को चुनेगी।
एआईएफएफ के पास क्रोएशिया के इगोर स्टीमाक समेत कुछ अन्य नाम हैं जिस पर उसे निर्णय लेना है।
अधिकारियों के अनुसार, बैठक दोपहर के दो बजे तक शुरू होगी और शाम तक कोच के नाम का पता चल जाएगा।
स्टीफन कांस्टेनटाइन के इस्तीफा देने के बाद से करीब 250 नामों पर एआईएफएफ ने विचार किया है। कांस्टेनटाइन ने इस साल की शुरुआत में एएफसी एशियन कप के बाद कोच के पद से इस्तीफा दे दिया था।
कोच के पद के लिए कई बड़े नामों ने आवेदन किए जिसमें इंग्लैंड के पूर्व कोच स्वेन एरिक्सन, फ्रांस के कोच रेमंड डॉमेनेच, अनुभवी इंग्लिश कोच सैम एलर्डाइस और रोजेरियो मिकेल जैसे कुछ बड़े नाम शामिल थे।
एरिक्सन कभी दौड़ में मौजूद नहीं थे जबकि डॉमेनेच, एलर्डाइस और मिकेल बहुत महंगे थे। एआईएफएफ ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह 25,000 डॉलर प्रति माह से अधिक का वेतन नहीं दे पाएंगे जिसमें आयकर खर्च भी शामिल है।
इसलिए एआईएफएफ अंत में चार नामों पर पहुंची – स्टीमाक, स्वीडन के हाकान एरिक्सन, दक्षिण कोरिया के ली मिन सुंग और स्पेनिश कोच अल्बर्ट रोका।
चारों व्यक्तियों को कोचिंग का कम अनुभव है, लेकिन स्टीमाक द्वारा की जा रही वेतन की मांग महासंघ के बजट के अनुरूप बैठ रही है।
एक अधिकारी ने आईएएनस से कहा, “स्टीमाक वेतन की मांग महासंघ के बजट के अनुरूप बैठ रही है। रोका का नाम भी शुरुआत से आगे है, लेकिन उनके वेतन की मांग अधिक है। अगर साक्षात्कार के दौरान कुछ नया नहीं हुआ तो स्टीमाक को ही कोच चुना जाएगा।”
एआईएफएफ अधिकारी इस बात से काफी खुश हैं कि स्टीमाक ने क्रोएशिया को 2014 फीफा विश्व कप फाइनल्स तक ले गए थे, हालांकि टूर्नामेंट खत्म होने से कुछ मैच पहले ही उन्हें बोर्ड ने हटा दिया था।
हालांकि, रोका को भी पूरी तरह से दरकिनार नहीं किया जा सकता क्योंकि वह लंबे समय से भारतीय फुटबाल से परिचित हैं।
रोका भारतीय फुटबाल क्लब बेंगलुरू एफसी के कोच रह चुके हैं और क्लब में भारतीय टीम के कप्तान सुनील छेत्री के साथ भी काम कर चुके हैं।
बेंगलुरू के गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू ने आईएएनएस से कहा, “हमें किसी ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो भारतीय फुटबाल को जानता हो और खिलाड़ियों को समझता हो।”
रोका 30,000 डॉलर प्रति माह तक वेतन की मांग कर रहे हैं और यही चीज उन्हें स्टीमाक से पीछे कर रही है।
दूसरी ओर, एरिक्सन और ली मिन अनुभव की कमी के कारण रेस में पिछड़ सकते हैं।
एरिक्सन एक ऐसे परिवार से आते हैं जहां हमेशा से फुटबाल खेली गई है। उनके पिता जॉर्ज स्वीडन की राष्ट्रीय टीम के कोच रह चुके हैं। एरिक्सन कभी राष्ट्रीय टीम के कोच नहीं रहे, लेकिन उन्होंने 2011 से लेकर 2017 तक अंडर-21 टीम का मार्गदर्शन किया।
दक्षिण कोरिया के मिन-सूंग को महासंघ ने तीन अन्य यूरोपीय कोच के ऊपर चुना है। अगर उन्हें कोच बनाया जाता है तो वह भारतीय टीम के पहले ऐसे कोच होंगे जिन्हें दो विश्व कप में खेलने का अनुभव होगा। वह 1998 और 2002 में हुए विश्व कप में खेल चुके हैं।
48 वर्षीय पूर्व डिफेंडर मिन-सूंग दक्षिण कोरिया की अंडर-23 टीम के कोच रह चुके हैं।