न्यूयॉर्क, 5 मई (आईएएनएस)। दिनभर में 16 घंटे जागने के दौरान आमतौर पर लोग 52 मिनट गपशप करते हैं। गपशप के दौरान महिलाएं उस स्तर तक नीचे नहीं जातीं जितना कि पुरुष। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है। अध्ययन में महिलाएं और पुरुष दोनों को शामिल किया गया।
न्यूयॉर्क, 5 मई (आईएएनएस)। दिनभर में 16 घंटे जागने के दौरान आमतौर पर लोग 52 मिनट गपशप करते हैं। गपशप के दौरान महिलाएं उस स्तर तक नीचे नहीं जातीं जितना कि पुरुष। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है। अध्ययन में महिलाएं और पुरुष दोनों को शामिल किया गया।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि कम आय वाले लोग उतनी गपशप नहीं करते जितनी कि उनके समकक्ष अच्छी आय प्राप्त करने वाले लोग करते हैं।
युवा लोगों में अपने पुराने साथियों के मुकाबले नकारात्मक रूप से गपशप करने की अधिक संभावनाएं होती है।
इस अध्ययन का नेतृत्व करने वाली सहायक मनोविज्ञान प्रोफेसर मेगन रॉबिंस कहती हैं, “इस बारे में जानकारी की कमी है कि कौन कैसे गपशप करता है और किस विषय पर।”
शोधकर्ताओं ने सोशल साइकोलॉजिकल एंड पर्सनैलिटी साइंस पत्रिका में प्रकाशित लेख में कहा, “हर कोई गपशप करता है और गपशप कुछ भी हो सकती है।”
अंतर्मुखी व्यक्तियों की तुलना में बहिर्मुखी व्यक्ति ज्यादा गपशप करते हैं जबकि पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा गपशप करना पसंद करती हैं।
रॉबिंस और उनकी प्रयोगशाला में काम करने वाले विद्यार्थी अलेक्जेंडर करन ने 18 से 58 साल की उम्र वाले 467 लोगों पर अध्ययन किया जिनमें से 269 महिलाएं और 198 पुरुष थे।
प्रतिभागियों को एक सुनने वाला उपकरण पहनाया गया। रिसर्च में पता चल कि 16 घंटों के काम के दौरान 14 फीसदी लोगों की बातचीत में केवल गपशप की बातें शामिल थी।
लगभग तीन-चौथाई गपशप तटस्थ थी। इसके अलावा सकारात्मक की तुलना में नकारात्मक गपशप दोगुनी थी। जहां सकारात्मक बातें (376) थी, वहीं नकारात्मक बातें (604) थी।
अध्ययन में कहा गया, “गपशप एक सेलिब्रिटी के बारे में नहीं होकर एक परिचित व्यक्ति के बारे में थी। जिसमें 3,292 की तुलना में 369 नमूनों का सहारा लिया गया।”
गरीब, कम पढ़े लोगों की तुलना में अमीर और पढ़े लिखे लोग ज्यादा गपशप करते हैं।
रॉबिंस ने कहा, “यह विश्वास करना मुश्किल होगा कि कोई व्यक्ति गपशप नहीं करता क्योंकि यदि ऐसा होता है तो इसका अर्थ होगा कि वह तभी किसी दूसरे व्यक्ति की बात करता है जब वह सामने होता है।”