नई दिल्ली, 4 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के साथ इसके रिश्ते के लिए सबसे बड़ी समस्या यह है कि किसी को नहीं मालूम कि पाकिस्तान को कौन चलाता है और किसके साथ बातचीत की जानी चाहिए।
यहां जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में करीब 2,500 लोगों के सामने इंडिया टीवी के चेयरमैन और प्रधान संपादक रजत शर्मा को दिए एक साक्षात्कार में मोदी ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान के दो प्रधानमंत्रियों-नवाज शरीफ और इमरान खान-के साथ दोस्ताना व्यवहार किया, लेकिन उन्होंने बदले में वैसा हावभाव नहीं दिखाया।
अफगानिस्तान से वापसी में अचानक पाकिस्तान के अपने दौरे के संबंध में मोदी ने कहा कि शरीफ ने उनको मिलने के लिए लाहौर बुलाया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके इस दौरे का मकसद यह संदेश देना था कि पाकिस्तान के प्रति भारत की मंशा खराब नहीं है।
उन्होंने कहा, ” मैंने सुषमाजी (विदेश मंत्री) से बातचीत की। उन्होंने कहा कि आप फैसला लीजिए। मैंने एनएसए, एसपीजी से बात की। सभी चिंतित थे क्योंकि अधिकारियों के पास न तो वीजा था और न ही उनकी कोई सुरक्षा व्यवस्था थी। किसी को स्थान के बारे में भी कोई जानकारी नहीं थी। हमें सीधा उतरना होगा। मैंने कहा, आइए, हम चलें, हम देखेंगे।”
उन्होंने शरीफ को ‘सच्चा व्यक्ति’ बताया।
पंजाब के सीमावर्ती शहर स्थित वायुसेना के अड्डे पर हमले के संदर्भ में मोदी ने कहा, “उनको भारत के बारे में झूठी बातें बताई जा रही थीं। उनको संदेश मिला कि भारत पाकिस्तान के लोगों की भलाई चाहता है। हम वापस आए और एक सप्ताह के भीतर पठानकोट पर हमला हुआ।”
मोदी ने कहा कि जब इमरान खान प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने फोन पर बात की। उन्होंने कहा, “मैंने उनसे कहा कि दोनों देशों ने कई युद्ध लड़े और हर बार पाकिस्तान को हार मिली। बतौर प्रधानमंत्री हम दोनों को अगले पांच साल गरीबी दूर करने के लिए काम करना चाहिए।”
हालांकि, उसके बाद पुलवामा की घटना हो गई।
मोदी ने कहा, “पाकिस्तान के साथ सबसे बड़ी समस्या है कि किसी को मालूम नहीं कि उस देश को कौन चलाता है और हमें किससे बात करनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को लेकर यह सिर्फ उनका ही अनुभव नहीं है बल्कि अमेरिका, रूस, खाड़ी व अरब देशों के नेताओं का भी ऐसा ही नजरिया है।
मोदी ने कहा कि दुनिया के कई नेताओं ने उनको बताया कि उनको नहीं मालूम कि पाकिस्तान में किससे बात की जाए।
उन्होंने कहा, ” नेताओं ने मुझसे कहा कि आप किससे बात करेंगे.. सेना से, आईएसआई से या चुने हुए निकाय से? हमें खुद नहीं मालूम कि उस देश को कौन चलाता है।”