Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 बुंदेलखंड पैकेज का जिन्न फिर बाहर आया | dharmpath.com

Wednesday , 27 November 2024

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » भारत » बुंदेलखंड पैकेज का जिन्न फिर बाहर आया

बुंदेलखंड पैकेज का जिन्न फिर बाहर आया

भोपाल, 2 मई (आईएएनएस)। देश में गरीबी, भुखमरी और पलायन के कारण चर्चा में रहने वाले बुंदेलखंड के 7600 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज मंजूर होने के बाद भी हालात नहीं बदले हैं। यही कारण है कि लोकसभा चुनाव के दौरान बुंदेलखंड पैकेज का जिन्न एक बार फिर बाहर निकल आया है।

भोपाल, 2 मई (आईएएनएस)। देश में गरीबी, भुखमरी और पलायन के कारण चर्चा में रहने वाले बुंदेलखंड के 7600 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज मंजूर होने के बाद भी हालात नहीं बदले हैं। यही कारण है कि लोकसभा चुनाव के दौरान बुंदेलखंड पैकेज का जिन्न एक बार फिर बाहर निकल आया है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को बुंदेलखंड में एक चुनावी सभा के दौरान पैकेज में हुई गड़बड़ियों का न केवल जिक्र किया, बल्कि मुख्यमंत्री कमलनाथ को इसकी जांच कराने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा, “बुदेलखंड पैकेज में हजारों करोड़ रुपये दिए गए थे, इस पैकेज को भाजपा नेताओं ने बुंदेलखंड की जनता से छीन लिया। कमलनाथ जी आप कार्रवाई कीजिए और बुंदेलखंड की जनता को वह पैसा दिलाइए।”

राहुल के बयान से एक बार फिर बुंदेलखंड पैकेज का मुद्दा चर्चा में आ गया है।

गौरतलब है कि बुंदेलखंड कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सियासी पाठशाला रहा है। वह वर्ष 2008 के बाद कई बार यहां के गांव-गांव घूमे हैं, रातें गरीबों के घरों में गुजारी है। यही कारण है कि लगभग एक दशक पहले उन्होंने इस क्षेत्र की तस्वीर बदलने के लिए 7,600 करोड़ रुपये से ज्यादा का विशेष पैकेज मंजूर कराया था।

उस समय केंद्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में संप्रग सरकार सत्ता में थी। पैकेज की राशि उत्तर प्रदेश के सात जिलों और मध्य प्रदेश के छह जिलों पर खर्च की जानी थी। पैकेज की राशि खर्च करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों पर थी।

पैकेज के तहत मध्य प्रदेश के छह जिलों सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना और दतिया के लिए 3,860 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। इस राशि से जल संसधान, कृषि, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, उद्यानिकी, वन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, पशुपालन, मत्स्य-पालन, कौशल विकास आदि विभागों के जरिए सरकार को अलग-अलग काम कराने थे। लेकिन यह पैकेज जमीन पर कहीं नहीं दिखा।

सामाजिक कार्यकर्ता और बुंदेलखंड पैकेज के दुरुपयोग के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे कांग्रेस की प्रदेश इकाई के सचिव पवन घुवारा कहते हैं, “पैकेज के जरिए उन कार्यो को कराया जाना था, जिससे खेतों को सिंचाई के लिए पानी मिले, पेयजल संकट से निपटा जाए, रोजगार के साधन विकसित हों, युवा तकनीकी रूप से प्रशिक्षण पाकर सक्षम बनें।”

घुवारा ने आईएएनएस से कहा, “केंद्र सरकार से मिली राशि में बड़े पैमाने पर सुनियोजित तरीके से घालमेल किया गया, संबंधित विभागों में जिम्मेदारी उन अधिकारियों को सौंपी गई जो या तो सेवानिवृत्त हो चुके थे, या सेवानिवृत्ति के करीब थे। सरकारी नियमावली में प्रावधान है कि सेवानिवृत्ति के चार वर्ष बाद जिम्मेदार पर कार्रवाई नहीं की जा सकती। इसमें अफसर और तत्कालीन सत्ताधारी दल भाजपा नेताओं ने मिलकर घपले-घोटाले किए। परिणाम स्वरूप गड़बड़ियां सामने आईं। भाजपा सरकार ने उन्हें दबा दिया, कर्मचारियों-अधिकारियों की सेवानिवृत्ति के चार साल गुजर गए और वे किसी भी तरह की सजा पाने से बच गए।”

लेकिन राहुल गांधी द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने और मुख्यमंत्री कमलनाथ को कार्रवाई का निर्देश देने के बाद क्या बुंदेलखंड वासियों को न्याय मिल पाएगा?

बुंदेलखंड पैकेज से संबंधित एक विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “निर्माण और दीगर कायरें में जो गड़बड़ियों की शिकायतें आईं, जांच हुई और जो अधिकारी कर्मचारी दोषी पाए गए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है। इसमें और भी जो उचित होगा किया जाएगा।”

बुंदेलखंड पैकेज के तहत बनाए गए कई बांध कुछ साल में ही फट गए, नलजल योजना की पाइप लाइनों के बिछाने में गड़बड़ी हुई, बकरी पालन के लिए बीमार बकरियां दी गईं। नहरें उन स्थानों पर बनाई गईं, जिन स्थानों पर पानी ही नहीं होता। इतना ही नहीं, नहरें कुछ सालों में क्षतिग्रस्त हो गईं। पहाड़ों पर तालाब बना दिए गए।

राज्य के तत्कालीन पंचायत मंत्री और वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी नल जल योजना के तहत बिछाई गई पाइप लाइनों में घटिया पाइपों के उपयोग का मामला उठाया था। साथ ही अन्य गड़बड़ियों को लेकर तत्कालीन जलसंसाधन मंत्री कुसुम महदेले को पत्र लिखा था।

सूत्रों का कहना है कि पैकेज के तहत अब तक 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च हो चुकी है। पैकेज में गड़बड़ियां सामने आने पर विभिन्न स्तरों पर हुई जांच में घपले घोटालों की बातें सामने आ चुकी हैं। यही कारण है कि कोई भी ऐसी बड़ी संरचना नहीं है, जो इस पैकेज से बेहतर काम होने का प्रमाण हो।

निर्माण और अन्य कार्यो में गड़बड़ी का सबसे चौंकाने वाला तथ्य तब सामने आया, जब पता चला कि पत्थर आदि सामग्री की ढुलाई के लिए जिस वाहन नंबर को ट्रक का बताया गया था, वह स्कूटी का निकला था। इतना ही नहीं, जिन ट्रकों के जरिए माल ढुलाई बताई गई, वह जीप और अन्य छोटे वाहनों के नंबर निकले थे।

बुंदेलखंड के वरिष्ठ पत्रकार रवींद्र व्यास कहते हैं, “बुंदेलखंड पैकेज से कुछ बेहतर काम हो सकते थे, जो यहां की तस्वीर बदलने वाले होते, मगर जो काम हुए उनसे उन अफसरों और ठेकेदारों का उद्धार हुआ, जो राजनीतिक लोगों से जुड़े थे। पैकेज से बड़े-बड़े गोदाम बनाए गए, जिनमें रखने के लिए अनाज तक नहीं है। नहरें अस्तित्वहीन हो चुकी हैं, बांध ढह गए, पेयजल योजनाओं का लाभ नहीं मिला। खेती की हालत नहीं सुधरी, लिहाजा हालात जस के तस हैं।”

वह आगे कहते हैं, “राहुल गांधी ने पैकेज की जांच के लिए कहा है। देखना होगा कि इस पर अमल कब होता है। अगर जांच हो गई तो कई लोगों को सलाखों के पीछे भी जाना पड़ सकता है। क्योंकि सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च हुए और नहरों, तालाबों में पानी नहीं है, घरों तक पीने का पानी नहीं पहुंचा। जो बकरियां दी गईं वे जीवित नहीं रहीं।”

बुंदेलखंड पैकेज के मंजूर होने के समय यहां के लोगों ने हालात बदलने का सपना देखा था। चुनाव के मौसम में बुंदेलखंड पैकेज का जिन्न एक बार फिर बाहर आया है, अब देखना होगा कि यह सिर्फ चुनाव तक ही सीमित रहता है या कमलनाथ सरकार चुनाव के बाद दोषियों पर कार्रवाई के लिए आवश्यक कदम उठाती है।

बुंदेलखंड पैकेज का जिन्न फिर बाहर आया Reviewed by on . भोपाल, 2 मई (आईएएनएस)। देश में गरीबी, भुखमरी और पलायन के कारण चर्चा में रहने वाले बुंदेलखंड के 7600 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज मंजूर होने के बाद भी हालात नहीं ब भोपाल, 2 मई (आईएएनएस)। देश में गरीबी, भुखमरी और पलायन के कारण चर्चा में रहने वाले बुंदेलखंड के 7600 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज मंजूर होने के बाद भी हालात नहीं ब Rating:
scroll to top