गढ़चिरौली, 1 मई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र का गढ़चिरौली जिला और इसके आसपास का क्षेत्र कई दशकों से नक्सलियों की गतिविधि का केंद्र रहा है। बीते 10 वर्षो में, लाल विद्रोहियों ने सुरक्षा बलों और नागरिकों पर कई बार हमले किए हैं।
हमलों का ब्यौरा इस प्रकार है।
01 फरवरी, 2009 : नक्सलियों ने धनोरा उप जिला में मोरके गांव के पास घात लगाकर पुलिस गश्ती दल पर हमला किया, जिसमें 15 जवान शहीद हो गए।
21 मई, 2009 : छापामार तरीके के हमले में, लाल आतंक ने धनोरा के मुरुम गांव में एक पुलिस समूह पर हमला किया, जिसमें पांच महिलाओं समेत 16 पुलिसकर्मी शहीद हो गए।
08 अक्टूबर, 2009 : भामरगड़ उप जिले के लाहेरी में नक्सलियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ में 17 पुलिसकर्मी शहीद हो गए।
04 अक्टूबर, 2010 : नक्सलियों ने अहेरी उप जिला के पिरीमिली गांव के करीब एक बारूदी सुरंग विस्फोट किया, जिसमें चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए।
08 अक्टूबर, 2010 : नक्सलियों ने सवानगांव में एक स्कूल पर हथगोला फेका, जिसमें 15 की मौत हो गई। इनमें से अधिकतर नाबालिक छात्र शामिल थे।
05 मई, 2011 : नक्सलियों ने गढ़चिरौली जंगल के पास धनोरा में बारातियों के काफिले पर बारूदी सुरंग विस्फोट किया, जिसमें कम से कम छह लोग मारे गए।
19 मई, 2011 : दो अलग-अलग घटनाओं में, नक्सलियों ने बेजुरफटा और नारगोंडा में पुलिस गश्ती दल पर हमला कर चार पुलिसकर्मियों को मार दिया।
20 अगस्त, 2011 : मकदछुआ गांव में सीआरपीएफ और नक्सलियों के हमले में कोबरा बटालियन के दो जवानों समेत तीन सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए।
27 मार्च, 2012 : धनोरा उप जिला क्षेत्र में बारूदी सुरंग विस्फोट में सीआरपीएफ के कांबेट टीम के 12 कमांडो शहीद हो गए और 28 अन्य घायल हो गए।
01 मई, 2019 : महाराष्ट्र दिवस के मौके पर, नक्सलियों ने प्रतिष्ठित सी-60 बल के वाहन को आईईडी विस्फोट कर उड़ा दिया। घटना के वक्त जवान कुरखेड़ा उप जिले में थे।
इससे पहले बुधवार को ही दादरपुर गांव में नक्सलियों ने दर्जनों भारी वाहनों को जला दिया था।