वाराणसी,1 मई (आईएएनएस)। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर यादव के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ने के मंसूबों पर पानी फिर गया है। तेज बहादुर का नामांकन रद्द हो गया। इसकी जानकारी उन्होंने स्वयं दी।
निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी किए गए दो नोटिसों का जवाब देने तेज बहादुर यादव बुधवार को अपने वकील के साथ निर्वाचन अधिकारी से मिलने पहुंचे। जिसके बाद निर्वाचन अधिकारी तेज बहादुर के नामांकन पत्र को खारिज कर दिया।
तेज बहादुर ने पत्रकारों से कहा, “मेरा नामांकन गलत तरीके से खारिज किया गया है। इस ज्यादती के लिए मैं सर्वोच्च न्यायालय जाऊंगा। नामांकन रद्द करने के लिए सरकार की तरफ से जिलाधिकारी पर दबाव बनाया गया है। मैं पूर्वाह्न् 11 बजे तक अपना स्पष्टीकरण जमा करने गया और मेरा नामांकन यह कहकर रद्द कर दिया गया कि मैंने 11 बजे तक अपने साक्ष्य जमा नहीं किए। ये बिल्कुल तानाशाही रवैया है।”
उन्होंने कहा कि वह इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
बताया गया है कि चुनाव आयोग ने नामांकन के वक्त सेना से बर्खास्तगी का पत्र नहीं लगाने को तेज बहादुर का नामांकन रद्द करने को आधार बनाया है।
जिला निर्वाचन कार्यालय से निकले तेज बहादुर और सपा नेताओं ने कहा कि हाईकमान के आदेश पर सर्वोच्च न्यायालय जाने का फैसला किया जाएगा।
नामांकन पत्र के नोटिस के जवाब देने के दौरान तेज बहादुर के समर्थकों और पुलिस के बीच जमकर नोकझोंक हुई, जिसके बाद पुलिस ने तेज बहादुर के समर्थकों को कचहरी परिसर से बाहर कर दिया।
वहीं, अब नए समीकरण के तहत शालिनी यादव सपा की तरफ से चुनावी मैदान में मोदी को टक्कर देंगी।