सूरत, 30 अप्रैल (आईएएनएस)। यहां की एक अदालत ने मंगलवार को स्वंयभू संत आसाराम के बेटे नारायण साईं को 2013 के एक दुष्कर्म मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
इसके साथ ही अदालत ने उसपर पांच लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है।
इससे पहले सत्र न्यायालय ने शुक्रवार को उसे दोषी ठहराया था।
नारायण साईं के अलावा मामले में दोषी ठहराए गए उसके तीन अन्य सहयोगियों गंगा, जमुना और हनुमान को 10 वर्षो की कारावास की सजा सुनाई गई और पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। उसके ड्राइवर को पांच वर्ष की सजा सुनाई गई है और 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
नारायण साईं के वकील ने पत्रकारों से कहा कि सजा सुनाए जाने के बाद वह अगले 60 दिनों के अंदर जमानत पर अपनी रिहाई के लिए उच्च न्यायालय में अपील कर सकते हैं।
मामले में 35 लोगों के खिलाफ दो आरोपपत्र दाखिल किए गए थे। अभियोजन पक्ष ने 53 गवाहों और बचाव पक्ष ने 14 गवाहों को पेश किया था।
सूरत की दो बहनों ने साईं और उसके पिता आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद दिसंबर 2013 में नारायण साईं को हरियाणा के पीपली से गिरफ्तार किया गया था। दोनों बहनों ने दोनों के खिलाफ अलग-अलग मामले दर्ज करवाए थे।
नारायण के पिता आसाराम को राजस्थान की एक नाबालिक लड़की के साथ दुष्कर्म के आरोप में पिछले वर्ष दोषी ठहराया गया था और जोधपुर की एक अदालत ने उन्हें भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।