नई दिल्ली, 25 अप्रैल (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को गुरुवार को नोटिस जारी कर पश्चिम बंगाल में एक चुनावी जनसभा के दौरान तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार महुआ मोइत्रा के खिलाफ लैंगिकवादी बयान (सेक्सिस्ट रिमार्क) देने वाले विपक्षी दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया। भाजपा नेताओं ने अपने चुनावी भाषण में कृष्णानगर लोकसभा सीट से तृणमूल की प्रत्याणी के खिलाफ लैंगिकवादी बयान दिए थे।
सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता का यह तथ्य भी माना कि चौथे चरण के मतदान के प्रचार के समापन में सिर्फ 48 घंटे बचे हैं और चुनाव आयोग को उनकी शिकायत पर जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए।
इससे पहले, चुनाव आयोग ने इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नादिया जिला अध्यक्ष महादेव सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
मोइत्रा का जिक्र करते हुए महादेव सरकार ने अपमानजनक बयान दिया था। इसका वीडियो देखने के बाद आयोग ने उनसे कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी और सरकार से प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार के खिलाफ ऐसा बयान देने पर स्पष्टीकरण मांगा था।