शिमला/मनाली, 22 अप्रैल (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के आतिथ्य उद्योग से जुड़े लोगों को लोकसभा चुनावों की गर्मी चुभ रही है, क्योंकि विभिन्न गंतव्यों पर सप्ताहांत का ब्रेक होने के बावजूद पर्यटकों की आमद में भारी गिरावट आई है।
शिमला/मनाली, 22 अप्रैल (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के आतिथ्य उद्योग से जुड़े लोगों को लोकसभा चुनावों की गर्मी चुभ रही है, क्योंकि विभिन्न गंतव्यों पर सप्ताहांत का ब्रेक होने के बावजूद पर्यटकों की आमद में भारी गिरावट आई है।
नेताओं और उनकी सभाओं के कारण सड़क पर ट्रैफिक रोक दिया जाता है और लोगों को घंटों धूप में खड़ा रहना पड़ता है। इससे होटल व्यवसायियों द्वारा अच्छे कारोबार की आशाओं पर पानी फिर गया है।
उत्तरी भारत में जहां गर्मी बढ़ रही है, वहीं पहाड़ी स्थानों पर पर्यटकों की आमद बढ़ने लगती है। सप्ताहांत पर शिमला और उसके आसपास के गंतव्यों पर 25,000 से 30,000 पर्यटक आते हैं।
शिमला के ओबेराय समूह के होटल के संपर्क अधिकारी डी. पी. भाटिया का कहना है, “जब तक मैदानी इलाकों में मॉनसून नहीं आ जाता, तब तक गर्मियों में हर सप्ताहांत में औसतन 15,000 से ज्यादा पर्यटक आते हैं। इस बार, लोकसभा चुनाव के कारण पर्यटकों की आमद काफी अधिक घट गई है।”
उनके मुताबिक, होटलों, गेस्ट हाउसों और लॉजेज में सप्ताह के अन्य दिनों में 40 फीसदी तक भरे होते हैं, जबकि सप्ताहांत में 60 से 70 फीसदी के बीच, जोकि इस समय अच्छी स्थिति नहीं है।
निजी टैक्सी ड्राइवर और गाइड्स का भी कारोबार चुनावों के कारण प्रभावित हुआ है।
मोटरिस्ट नवनीत सक्सेना ने आईएएनएस को बताया, “इन दिनों पहाड़ों का सफर करना वास्तव में निराशाजनक है। पहले हमें शोंगी में चुनावी रैली कारण लंबे ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ा। उसके बाद शिमला के बाहरी हिस्से में भी भारी ट्रैफिक जाम मिला। चंडीगढ़ से शिमला पहुंचने में वास्तव में 6 घंटे लग गए।”
नई दिल्ली में रहनेवाले बैंकर नीरज भाटी का कहना है, “जहां चुनावी रैलियां हो रही हैं, वहां यातायात रोक दिया जाता है।”
इसी प्रकार से कुफरी, नारकंडा, कसौली, चैल, मनाली, डलहौजी, पालमपुर और धर्मशाला जैसे हिल स्टेशंस में भी पर्यटकों की संख्या में नाटकीय गिरावट आई है।
मनाली के ट्रैवल एजेंट प्रेम ठाकुर ने कहा, “हमारा कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हमें उम्मीद है कि चुनाव के बाद पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।”