मुंबई, 22 अप्रैल (आईएएनएस)। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने सोमवार को राज ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) को आखिरकार 23 अप्रैल को यहां शहीद भगत सिंह मैदान, काला चौकी में एक सार्वजनिक रैली आयोजित करने की अनुमति दी।
पहले मनसे ने 24 अप्रैल को वडाला में रैली करने की योजना बनाई थी। लेकिन, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा आपत्ति जताने के बाद बीएमसी और राज्य चुनाव कार्यालय ने मनसे को यहां कार्यक्रम करने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया था।
अब तक, राज ने राज्य में लगभग पांच रैलियों को संबोधित किया है, जिसमें व्यापक पैमाने पर लोगों की भागीदारी रही है।
अपनी शैली में, वह उन क्षेत्रों में अपने मन की बात कहते हैं जहां विपक्षी कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), भाजपा-शिवसेना के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं।
हालांकि एमएनएस ने लोकसभा चुनाव में कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है, लेकिन ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या भाजपा को वोट नहीं देने’ की उनकी अपील ने मतदाताओं, विशेष रूप से जिनका रुझान अभी स्पष्ट नहीं है और साथ ही युवाओं को प्रभावित किया है।
उनके भाषणों के वीडियो (मराठी में) का अनुवाद अन्य भाषाओं में किया जा रहा है या उन पर सब-टाइटल लगाया जा रहा है और यह देश के अन्य हिस्सों में वायरल हो रहे हैं जहां आगामी चरणों में मतदान होने वाले हैं। इससे भाजपा की चिंता बढ़ गई है।
मनसे के एक नेता ने दावा किया कि सरकार ने कथित तौर पर राज ठाकरे-मनसे की रैलियों को नाकाम करने के लिए कानूनी विकल्पों का सहारा लिया है और यहां तक कि उन्हें मतदाता के रूप में अपंजीकृत कर दिया है।
नेता ने कहा कि लेकिन जब यह कारगर नहीं हुआ तो उन लोगों ने कोशिश की कि उन्हें मुंबई में रैलियों की अनुमति न मिले, जिसे सत्तारूढ़ सरकार में सहयोगी शिवसेना का गढ़ माना जाता है।
राज ने कहा है कि उनके पास देश भर में जनसभाओं या रैलियों को संबोधित करने के लिए विभिन्न दलों/ समूहों के प्रस्तावों की भरमार है, लेकिन उन्होंने अभी तक अपना मन नहीं बनाया।
हालांकि, मनसे के अंदरूनी सूत्रों ने संकेत दिया है कि कि देश भर में इसके द्वारा अभी और प्रभावी तरीके से अपनी छाप छोड़ने की कोशिश की जाएगी लेकिन केवल 29 अप्रैल को महाराष्ट्र के अंतिम चरण के चुनाव के बाद।
राज्य चुनाव कार्यालय (एसईओ) ने स्पष्ट किया कि इसने सभी राजनीतिक दलों को नियम और कानूनों के अनुसार रैलियां करने की अनुमति दी है।
एसईओ ने रविवार को एक बयान में कहा, “मनसे द्वारा लगाए गए आरोप झूठे हैं और हमने पार्टी को अनुमति देने से इनकार नहीं किया है।”