मैनपुरी, 19 अप्रैल(आईएएनएस)। कहा गया है कि राजनीति में न कोई किसी का दोस्त होता है, और न दुश्मन। यह बात यहां शुक्रवार को एक बार फिर चरितार्थ हुई है, जब सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने एक साथ मंच साझा किया। दोनों नेता और उनके दल पहले भी एकसाथ काम कर चुके हैं। लेकिन दो जून, 1995 को लखनऊ में हुए गेस्ट हाउस कांड ने दोनों के बीच इतनी गहरी खाई खोद दी थी कि उसे पाटने में लगभग 25 साल लग गए। आज माया ने मुलायम को सहारा देकर मंच पर अपने बगल में बैठाया है।
मैनपुरी, 19 अप्रैल(आईएएनएस)। कहा गया है कि राजनीति में न कोई किसी का दोस्त होता है, और न दुश्मन। यह बात यहां शुक्रवार को एक बार फिर चरितार्थ हुई है, जब सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने एक साथ मंच साझा किया। दोनों नेता और उनके दल पहले भी एकसाथ काम कर चुके हैं। लेकिन दो जून, 1995 को लखनऊ में हुए गेस्ट हाउस कांड ने दोनों के बीच इतनी गहरी खाई खोद दी थी कि उसे पाटने में लगभग 25 साल लग गए। आज माया ने मुलायम को सहारा देकर मंच पर अपने बगल में बैठाया है।
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव मैनपुरी लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार हैं और मायवती उनके लिए वोट मांगने आई हैं। दोनों नेता लगभग ढाई दशक बाद एकसाथ मंच साझा कर रहे हैं। इस चुनाव में सपा, बसपा, आरएलडी का गठबंधन है।
रैली में मायावती पहले ही मंच पर पहुंच चुकी थीं, और मुलायम बाद में पहुंचे। मुलायम जैसे ही मंच पर पहुंचे मायावती खड़ी हुई और उन्होंने आगे बढ़कर मुलायम को सहारा दिया। मुलायम मंच पर मायावती के बगल में बैठे। मंच की यह तस्वीर गठबंधन प्रतिद्वंद्वियों को संदेश देने के लिए पर्याप्त है कि दोनों दल भाजपा के खिलाफ एकजुट हैं।
मैनपुरी के क्रिश्चियन कॉलेज मैदान में आयोजित इस रैली में सपा, बसपा और रालोद के शीर्ष नेताओं के बड़े-बड़े कट-आउट लगाए गए थे। मंच पर भी डॉ. भीमराव आंबेडकर, छत्रपति शाहूजी महाराज, बसपा के संस्थापक कांशीराम, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया की तस्वीरें लगाकर एकजुटता का संदेश देने और तीनों दलों के समर्थकों को खुश करने की कोशिश की गई है।
मुलायम ने अपने संबोधन में कहा, “मायावती हमारे लिए वोट मांगने आईं हैं। हम उनका स्वागत करते हैं।” उन्होंने मायावती को संबोधित करते हुए कहा, “आपके इस एहसान को कभी नहीं भूलूंगा।” मुलायम ने रैली में मौजूद लोगों से कहा कि मायावती का बहुत सम्मान करना होगा, माया ने हमेशा हमारा साथ दिया है।
इसके जवाब में मायावती ने भी मुलायम सिंह के लिए जनता से वोट की अपील की। इस दौरान गेस्ट हाउस कांड का दर्द भी उनके भाषण में छलका। उन्होंने कहा, “न भूलने वाले कांड के बाद भी हम एकसाथ चुनाव लड़ रहे हैं।” साथ ही उन्होंने मुलायम सिंह को ही पिछड़ों का असली नेता बताया।