वॉशिंगटन, 16 अप्रैल (आईएएनएस)। अमेरिका के एक स्थानीय समाचार पत्र कैपटल गजेट ने अपने न्यूज रूम में बड़े पैमाने पर हुई गोलीबारी की घटना के कवरेज के लिए पुलित्जर पुरस्कार जीता है।
बीबीसी के मुताबिक, सोमवार को मैरीलैंड में कैपिटल गजेट को जब अमेरिकी पत्रकारिता का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने का पता चला तो भी उसने कोई जश्न नहीं मनाया।
कर्मचारियों ने चुपचाप अपने उन पांच सहयोगियों को याद किया जिनकी जून 2018 में उनके कार्यालय में एक बंदूकधारी ने अंधाधुंध गोलियां बरसाकर जान ले ली थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से संबंधित तफ्तीश के लिए न्यूयॉर्क टाइम्स और वॉल स्ट्रीट जर्नल को भी पुलित्जर मिला।
ऐनापोलिस में कैपिटल गजेट ने अमेरिकी इतिहास में पत्रकारों पर सबसे घातक हमलों में से एक के मामले में अपने कवरेज और साहस के लिए विशेष पुलित्जर पुरस्कार जीता।
पुलित्जर बोर्ड ने समाचार पत्र को 100,000 डॉलर के अनुदान के साथ प्रशस्ति पत्र प्रदान किया।
पिछली गर्मियों के हमले में समाचार पत्र के कर्मचारी जॉन मैकनामारा, वेंडी विंटर्स, रेबेका स्मिथ, गेराल्ड फिचमैन और रॉब हियासेन गोलीबारी में मारे गए थे।
लेकिन कर्मचारी फिर भी अगले दिन निर्धारित समय पर समाचार पत्र प्रकाशित करने में कामयाब रहे।
बड़े पैमाने पर गोलीबारी की घटनाओं के कवरेज के लिए दो अन्य स्थानीय समाचार पत्रों को भी पुलित्जर मिला।
पिट्सबर्ग पोस्ट-गजेट को पेंसिल्वेनिया में एक यहूदी धार्मिक स्थल पर पिछले साल अक्टूबर में हुए हमले की रिपोर्टिग के लिए ब्रेकिंग न्यूज अवॉर्ड मिला। हमले में 11 लोग मारे गए थे।
वहीं, साउथ फ्लोरिडा के सन सेंटिनल ने मारजोरी स्टोनमैन डगलस हाई स्कूल में फरवरी 2018 में हुई गोलीबारी की रिपोर्टिग के लिए पुलित्जर जीता, जिसमें 17 लोग मारे गए थे।
इसने घातक गोलीबारी से पहले और बाद में स्कूल और कानून प्रवर्तन अधिकारियों की विफलताओं को उजागर करने के लिए पब्लिक सर्विस पुरस्कार प्राप्त किया।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने ट्रंप के वित्त और टैक्स से बचने के बारे में की गई व्याख्यात्मक रिपोर्टिग के लिए एक और संपादकीय लेखन के लिए एक पुरस्कार जीता।
वॉल स्ट्रीट जर्नल ने 2016 राष्ट्रपति चुनाव प्रचार अभियान के दौरान दो कथित पूर्व मिस्ट्रेस को चुप्पी साधने के लिए राष्ट्रपति द्वारा गुप्त रूप से किए गए भुगतान को उजागर करने के लिए नेशनल र्पिोटिंग पुरस्कार जीता।
वॉशिंगटन पोस्ट ने भी यमन में फोटो जर्नलिज्म के लिए और क्रिटिसिजम के लिए दो पुलित्जर पुरस्कार जीते।