नई दिल्ली, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को उच्च न्यायालय में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की उस याचिका का विरोध किया, जिसमें उन्होंने पत्नी के गंभीर रूप से बीमार और एक अस्पताल में भर्ती होने को आधार बनाते हुए तीन महीने के लिए पैरोल की मांग की है।
दिल्ली सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता राहुल मेहरा ने अदालत से कहा कि चौटाला राजनीतिक उद्देश्य से पैरोल की मांग कर रहे हैं और आम चुनाव को ध्यान में रखते हुए उन्हें राहत नहीं दी जानी चाहिए।
दिल्ली सरकार ने यह भी कहा कि चौटाला की पत्नी की देखभाल परिवार के अन्य सदस्य कर सकते हैं।
मेहरा ने कहा कि चौटाला पहले भी रिहाई मिलने का दुरुपयोग कर चुके हैं और फिर वैसा ही करेंगे।
न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल ने चौटाला की याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 25 अप्रैल की तारीख मुकर्रर कर दी।
चौटाला के परामर्शी अधिवक्ता एन.हरिहरन और वकील अमित साहनी ने अदालत से कहा कि पैरोल, अवकाश दिशानिर्देश और दिल्ली जेल के नियमों के अनुसार, दोषी कैदी साल में दो बार आठ हफ्तों के लिए पैरोल पाने का हकदार है। चौटाला ने एक साल से ज्यादा समय से कोई पैरोल नहीं लिया है, इसलिए वह इसके हकदार हैं।
चौटाला और उनके बड़े बेटे अजय जनवरी, 2013 के जेबीटी (जूनियर बेसिक टीचर) भर्ती घोटाला मामले में जेल में बंद हैं। दिल्ली स्थित सीबीआई की अदालत ने दोनों को 10 साल कैद की सजा दी है।