नई दिल्ली, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12वें संस्करण में गुरुवार को हुए मैच में चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के आखिरी ओवर में मैदान पर आने पर काफी बवाल खड़ा हो गया है। राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ खेले गए इस मैच में आखिरी ओवर में एक फुलटॉस पर नो बॉल दिए जाने और फिर इस फैसले को पलटने के कारण धोनी नाराज हो गए थे और मैदान पर आ गए थे।
धोनी के इस बर्ताव के कारण उन पर मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगाया गया है।
इस मामले से जुड़े एक शख्स ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि लेग अंपायर ब्रूस ओक्सेफोर्ड के बयान के बाद ही मैच रेफरी ने फैसला सिर्फ मैच फीस के जुर्माने तक रखा नहीं तो धोनी की सजा ज्यादा भी हो सकती थी।
सूत्र के मुताबिक, “मैच के बाद जब सभी लोग मैच रेफरी के कमरे में मिले तो ओक्सेनफोर्ड ने यह साफ कर दिया था कि वह चेन्नई के कप्तान केमैदान पर आने और नो बॉल के बारे में चर्चा करने को लेकर बुरा महसूस नहीं कर रहे हैं।”
एक ओर अपंयार यह समझ रहे हैं कि यह उस पल की गंभीरता को लेकर लिया गया फैसला था वहीं कुछ पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी धोनी के इस कदम की आलोचना कर रहे हैं।