नई दिल्ली, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को संघ लोक सेवा आयोग(यूपीएससी) और हरियाणा सरकार से मनोज कुमार यादव की राज्य के पुलिस महानिदेशक(डीजीपी) के रूप में नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने यादव से भी याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए कहा और मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई के लिए मुकर्रर कर दी।
अदालत आईपीएस अधिकारी प्रभात रंजन देव की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
उनके वकील ऐश्वर्य सिन्हा ने कहा कि सबसे वरिष्ठ और पूरी तरह से योग्य होने के बावजूद देव को नजरअंदाज किया गया और यूपीएससी ने डीजीपी पद की नियुक्ति के दौरान देव के नाम पर विचार तक नहीं किया।
अपनी याचिका में, देव ने कहा कि यूपीएससी का निर्णय विरोधाभाष है क्योंकि इसमें उनकी योग्यता और वरिष्ठता क्रम को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है।
उन्होंने कहा कि यादव की इस पद पर नियुक्ति को लेकर 18 फरवरी को पारित किया गया आदेश स्थापित कानून के सिद्धांत और डीजीपी पद पर नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों का विरोधाभाष है।