भोपाल, 31 मार्च (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के इंदौर संसदीय सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रकाश चंद्र सेठी को वर्ष 1989 में शिकस्त देकर कब्जा करने वाली भाजपा नेता व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की उम्मीदवारी पर भी संशय के बादल मंडराने लगे हैं। टिकट के रास्ते में उनकी उम्र आड़े आ रही है। वह 75 वसंत पार कर चुकी हैं।
भोपाल, 31 मार्च (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के इंदौर संसदीय सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रकाश चंद्र सेठी को वर्ष 1989 में शिकस्त देकर कब्जा करने वाली भाजपा नेता व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की उम्मीदवारी पर भी संशय के बादल मंडराने लगे हैं। टिकट के रास्ते में उनकी उम्र आड़े आ रही है। वह 75 वसंत पार कर चुकी हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक, उन नेताओं को उम्मीदवार नहीं बनाया जा रहा है, जिनकी आयु 75 वर्ष से ज्यादा हो गई है। इसी के चलते पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी सहित अनेक नेताओं को उम्मीदवार नहीं बनाया गया है। सुमित्रा महाजन का नाम भी इसी श्रेणी में आ गया है। महाजन 76 वर्ष की होने को हैं।
भाजपा में इंदौर सीट को लेकर लगातार मंथन जारी है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह इशारों में कह चुके हैं कि इस बार सुमित्रा महाजन चुनाव नहीं लड़ेंगी। उन्होंने कहा है कि इंदौर में सुमित्रा महाजन की सलाह से उम्मीदवार का चयन होगा, क्योंकि वह पार्टी की वरिष्ठ नेता हैं।
वहीं भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र व विधायक आकाश विजयवर्गीय ने भी कहा है कि इंदौर से मीडिया में कैलाश विजयवर्गीय व मालिनी गौड़ के नाम की भी चर्चा है।
सुमित्रा भी लगभग मान चुकी हैं कि उनकी उम्मीदवारी खटाई में है। यही कारण है कि पिछले दिनों भाजपा की इंदौर में हुई एक बैठक में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उम्मीदवार बनाने की बात उठाई थी। इस बात के चर्चा में आने पर उन्होंने कहा, “मजाक भी नहीं किया जा सकता क्या।”
इंदौर के संसदीय इतिहास पर नजर दौड़ाई जाए तो वर्ष 1952 से अब तक यहां से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर सुमित्रा महाजन का ही इकलौता नाम सामने आता है, जिन्होंने जीत दर्ज की है। वर्ष 1989 के बाद से यह सीट भाजपा का गढ़ बन चुकी है। सुमित्रा यहां से लगातार आठ बार निर्वाचित हुई हैं। वहीं, वर्ष 1952 से 1989 तक चार बार कांग्रेस, एक बार लोकदल और एक बार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के होमी दाजी यहां से निर्वाचित हुए थे।
हाल के विधानसभा चुनाव में इंदौर की विधानसभा सीटों में से भाजपा ने चारों शहरी सीटों पर जीत दर्ज कराई थी। कांग्रेस को एक शहरी और तीन ग्रामीण सीटें मिली थीं। इंदौर में सातवें और अंतिम चरण में 19 मई को मतदान होना है। अभी तक भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है।