ग्वालियर, 24 मार्च (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के ग्वालियर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी (सिंधिया राजघराने की बहू) प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया को उम्मीदवार बनाए जाने का प्रस्ताव कांग्रेस जिला इकाई ने पारित किया। प्रियदर्शिनी राजे को लोकसभा चुनाव में उतारने का कमलनाथ सरकार के मंत्रियों ने भी समर्थन किया है।
ग्वालियर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस को जिताऊ उम्मीदवार की तलाश है। इसी सिलसिले में रविवार को कांग्रेस जिला इकाई की बैठक कांग्रेस भवन में हुई। इस बैठक में प्रियदिर्शिनी को उम्मीदवार बनाए जाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। कार्यकर्ताओं ने यह प्रस्ताव पार्टी हाईकमान को भेज दिया है।
कांग्रेस की ग्वालियर जिला इकाई के अध्यक्ष डॉ. देवेंद्र शर्मा और ग्रामीण इकाई के अध्यक्ष मोहन सिंह राठौर ने बैठक में पारित प्रस्ताव पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को संयुक्त रूप से भेजा है। प्रस्ताव में कहा गया है कि जनभावना के अनुसार, प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया को ग्वालियर से उम्मीदवार बनाया जाए।
राज्य सरकार की मंत्री इमरती देवी का कहना है कि ग्वालियर के लोग चाहते हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव लड़ें और अगर ऐसा नहीं होता है तो प्रियदर्शिनी को इस क्षेत्र से चुनाव लड़ने दें।
वहीं, राज्य सरकार के मंत्री लाखन सिंह और प्रद्युम्न सिंह तोमर ने भी संवाददाताओं से चर्चा के दौरान माना कि क्षेत्र की जनता चाहती है कि प्रियदर्शिनी चुनाव लड़ें। इसीलिए कांग्रेस की जिला व ग्रामीण इकाइयों ने प्रस्ताव पारित कर यह मांग की है।
इससे पहले, गुना के कार्यकर्ता भी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया को गुना संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव पारित कर चुके हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना से सांसद हैं। संभावना जताई जा रही है कि गुना से अगर प्रियदर्शिनी को टिकट दिया जाता है, तब ज्योतिरादित्य ग्वालियर से चुनाव लड़ सकते हैं।
ग्वालियर संसदीय क्षेत्र पर फिलहाल भाजपा का कब्जा है। यहां से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सांसद हैं। उन्हें पार्टी ने इस बार मुरैना संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है। ग्वालियर में बीते तीन चुनावों से भाजपा के उम्मीदवार जीतते आ रहे हैं। वैसे यह सीट सिंधिया राजघराने के प्रभाव वाली सीट मानी जाती है। यहां से वर्ष 1984 से 1998 तक माधवराव सिंधिया लगातार पांच बार चुनाव जीते हैं। वहीं विजयराजे सिंधिया ने कांग्रेस के प्रतिनिधि के तौर पर वर्ष 1962-67 तक प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा यशोधरा राजे सिंधिया ने वर्ष 2007 के उपचुनाव और वर्ष 2009 के चुनाव में ग्वालियर का प्रतिनिधित्व किया था। इस सीट से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी वर्ष 1971 में निर्वाचित हुए थे और यहां माधवराव सिंधिया हार गए थे।