नई दिल्ली, 13 मार्च (आईएएनएस)। भारत में मेडिकल इमेजिंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की स्वीकार्यता बढ़ाने, इसे सह-विकसित करने और ग्रामीण क्षेत्रों में तपेदिक (टीबी) स्क्रीनिंग क्षमताओं को बढ़ाने के लिए हेल्थनेट ग्लोबल और इजरायल के जेब्रा मेडिकल विजन ने एक समझौता किया है।
अपोलो अस्पताल ने एक बयान में कहा कि अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप के हेल्थनेट ग्लोबल और इजरायल की एआई इमेजिंग सॉफ्टवेयर कंपनी जेब्रा मेडिकल विजन के इस संयुक्त प्रोजेक्ट को भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के ग्लोबल इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी एलायंस (जीआईटीए) और इजरायल सरकार के इजरायल इनोवेशन अथॉरिटी (आईआईए) द्वारा फंड दिया जाएगा।
अपोलो अस्पताल की संयुक्त प्रबंध निदेशक संगीता रेड्डी ने बताया, “जब स्वास्थ्य की बात आती है, तो एआई का उपयोग बहुत ही आकर्षक तरीके से स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच और सुधार प्रदान करने का वादा करता है। दूरस्थ और ग्रामीण समुदायों में अच्छी स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है और हमें भरोसा है कि इस पहल से हमें इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति करने का अवसर मिलेगा।”
उन्होंने कहा, “अपोलो की नैदानिक और वैज्ञानिक समझ और एआई में जेब्रा-मेड की विशेषज्ञता एक-दूसरे के पूरक हैं। यह परियोजना स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच में सुधार करने और कम लागत पर मरीजों को सर्वोत्तम परिणाम देने के लिए नए उपकरण डिजाइन करने वाले हमारे निरंतर प्रयासों का हिस्सा है।”
जेब्रा-मेड के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी इयाल गुरा ने कहा, “जब हमने कुछ साल पहले पहली बार भारतीय टीम से मुलाकात की थी, तो हमें यकीन हो गया था कि वे भी हमारी तरह स्वास्थ्य सेवाओं को लाखों से करोड़ों मरीजों तक पहुंचाने का सपना देख रहे हैं, हमारा आधार एक है। हम इस अवसर का उपयोग कर लाखों लोगों को लाभान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
अपोलो रेडियोलॉजी इंटरनेशनल के सीईओ और मेडिकल डायरेक्टर डॉ. श्रीनिवास राजू कालिंदी ने कहा, “हम मानते हैं कि भारतीय स्वास्थ्य सेवा में एआई की शुरूआत में यह परियोजना एक बहुत महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगी। हम इस पहल के लिए नैदानिक नेतृत्व और विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए उत्साहित हैं।”