नई दिल्ली, 13 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को दिल्ली सरकार को अग्नि सुरक्षा से संबंधित याचिका पर जवाब देने के लिए और अधिक समय की मंजूरी दी है। याचिका में यहां अग्नि सुरक्षा नियमों को ताक पर रखकर चलाए जा रहे अवैध होटलों और गेस्ट हाउसों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की मांग की गई है।
मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन की खंडपीठ मामले में जवाब दाखिल करने के लिए उत्तरी, दक्षिणी, पूर्वी नगर निगमों द्वारा और ज्यादा समय की मांग संबंधी याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
याचिकाकर्ता और वकील अर्पित भार्गव ने हालांकि उनकी याचिका का विरोध किया और कहा कि उन्हें पर्याप्त समय दे दिया गया है और उन्हें बुधवार तक अपना जवाब दाखिल करना चाहिए था।
भार्गव ने अपनी याचिका में इस संबंध में समयबद्ध तरीके से नीति निर्धारण और दिशा निर्देश तैयार करने और नगर निगमों के क्षेत्राधिकार में आने वाले सभी सामुदायिक हॉल, होटलों, गेस्ट हाउसों की सामयिक जांच सुनिश्चित करने के लिए इसे लागू करने की मांग की।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर दी।
भार्गव ने कानून के प्रावधानों का अनुपालन करने खासकर के अग्नि सुरक्षा व संरचनात्मक सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने में जवाबदेही तय करने की मांग की।
उन्होंने करोलबाग के होटल अर्पित पेलेस के विरुद्ध कठोर कदम उठाने और 12 फरवरी को वहां लगी आग में मारे गए 17 लोगों के परिजनों को मुआवजा राशि देने की भी मांग की।