नई दिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)| दिल्ली में एक बार फिर विधानसभा चुनाव का औपचारिक बिगुल बज गया है। देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त वी.एस. सम्पत ने सोमवार को घोषणा की कि दिल्ली विधानसभा के लिए सात फरवरी को मतदान कराए जाएंगे, मतगणना 10 फरवरी को होगी। सम्पत ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, “दिल्ली में मतदान सात फरवरी को कराए जाएंगे और मतगणना 10 फरवरी को होगी।”
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि चुनाव के लिए अधिसूचना 14 जनवरी को जारी की जाएगी।
उन्होंने बताया कि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 जनवरी और नाम वापस लेने की तिथि 24 जनवरी होगी।
70 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव में कुल 1.30 करोड़ मतदाता मताधिकार का इस्तेमाल करने के पात्र होंगे, जिनके लिए 11,763 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।
गौरतलब है कि 14 फरवरी, 2013 को आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद राष्ट्रीय राजधानी में 17 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया, जिसकी अवधि 15 फरवरी को समाप्त हो रही है।
संपत ने कहा कि आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी, जिसके बाद सरकार मतदाताओं को प्रभावित करने वाले किसी भी तरह के नीतिगत फैसले नहीं कर पाएगी।
वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई थी, जो 15 वर्षो से लगातार दिल्ली में सत्ता में थी। उसे मात्र आठ सीटों पर जीत हासिल हुई थी, जबकि 2008 के चुनाव में उसने 43 जीती थी। इसका वोट प्रतिशत भी 40 से घटकर 25 फीसदी हो गया था।
भाजपा राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी थी। उसे 31 सीटों पर जीत मिली थी। पहली बार चुनाव में उतरी आप को 28 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, और आप की इस सफलता ने देश ही नहीं दुनिया को भी चकित कर दिया था।
विधानसभा चुनाव के परिणाम में सबसे आश्चर्यजनक तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की हार थी, जिन्हें केजरीवाल ने नई दिल्ली सीट से 20 हजार से अधिक मतों के अंतर से हराया था।
इसके बाद आप ने कांग्रेस समर्थन से सरकार बनाई। लेकिन विधानसभा में जन लोकपाल विधेयक पारित न हो पाने पर केजरीवाल ने 14 फरवरी को पद से इस्तीफा दे दिया।
मई 2014 में हुए आम चुनाव में दिल्ली की सभी सात संसदीय सीटों पर भाजपा को जीत हासिल हुई थी। आप सभी सीटों पर दूसरे और कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही थी।