न्यूयॉर्क, 16 फरवरी (आईएएनएस)। अमेरिकी अभियोजकों ने प्रौद्योगिकी कंपनी कॉग्निजेंट के दो पूर्व उच्च पदस्थ अधिकारियों पर तमिलनाडु सरकार के अधिकारियों को चेन्नई में उसके परिसर की इमारत निर्माण की मंजूरी देने के लिए कथित रूप से 20 लाख डॉलर रिश्वत देने का आरोप लगाया है।
न्यूयॉर्क, 16 फरवरी (आईएएनएस)। अमेरिकी अभियोजकों ने प्रौद्योगिकी कंपनी कॉग्निजेंट के दो पूर्व उच्च पदस्थ अधिकारियों पर तमिलनाडु सरकार के अधिकारियों को चेन्नई में उसके परिसर की इमारत निर्माण की मंजूरी देने के लिए कथित रूप से 20 लाख डॉलर रिश्वत देने का आरोप लगाया है।
इसके अलावा, प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (एसईसी) ने कॉग्निजेंट पर कथित रिश्वत के लिए कुल 2.5 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया है। एसईसी सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनियों का निरीक्षण करती है।
न्यूजर्सी के नीवार्क स्थित संघीय अदालत में कॉग्निजेंट के पूर्व अध्यक्ष गॉर्डन कोबर्न (55) और पूर्व मुख्य विधि अधिकारी स्टीवन श्वाट्र्ज (51) के खिलाफ शुक्रवार को आपराधिक आरोप दाखिल किए गए हैं। यह आरोप चेन्नई के शोलिंगनल्लूर में कंपनी की भारतीय सहायक कंपनी के 250,000 वर्ग मीटर किट्स परिसर के निर्माण के संबंध में लगाए गए हैं।
अभियोजकों ने तमिलनाडु के उन अधिकारियों और निर्माण कंपनी की पहचान नहीं की जाहिर की है, जिनके माध्यम से कथित रिश्वत ली गई है।
अमेरिका में विदेशी भ्रष्टाचार आचरण अधिनियम (एफसीपीए) के तहत नागरिकों के लिए विदेशियों को रिश्वत देना एक अपराध है, चाहे वह भुगतान विदेश में ही क्यों न किया गया हो।
कोबर्न और श्वाट्र्ज 12 आरोपों का सामना कर रहे हैं, जिसमें साजिश रचना, एफसीपीए का उल्लंघन और झूठे दस्तावेज जमा कराना शामिल हैं।
अदालत में अभियोजकों द्वारा दाखिल दस्तावेज में कहा गया है कि भारत में रहने वाले तीन सह-साजिशकर्ताओं पर आरोप नहीं लगाया गया है। अदालत के कागजात में उनका उल्लेख केवल कॉग्निजेंट के प्रशासनिक उपाध्यक्ष, कॉग्निजेंट के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर और निर्माण कंपनी में वाणिज्यिक भवनों के विभाग प्रमुख के रूप में किया गया है।