नई दिल्ली, 9 फरवरी (आईएएनएस)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में उनके शासन काल में उद्यानों व स्मारकों का निर्माण उत्पीड़ित दलित और अन्य पिछड़ा वर्ग के महान लोगों के सम्मान में किया गया है। उन्होंने कहा कि ये उद्यान व स्मारक पर्यटक स्थल बन गए हैं और उससे सरकार को राजस्व मिलता है।
मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, “सदियों से तिरस्कृत दलित व पिछड़े वर्ग में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों के आदर-सम्मान में निर्मित भव्य स्थल, स्मृति उद्यान आदि उत्तर प्रदेश की नई शान, पहचान व व्यस्त पर्यटन स्थल हैं, जिसके आकर्षण से सरकार को नियमित आय भी होती है।”
उन्होंने कहा, “मीडिया से विनम्र आग्रह है कि कृपया सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश न करें। इस मामले में भी पक्का विश्वास है कि इंसाफ मिलेगा। मीडिया और भाजपा नेता पतंग उड़ाना बंद करें।”
उनके इस बयान से एक दिन पहले सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि वह (मायावती) लखनऊ और नोएडा में बनाई गई मूर्तियों पर खर्च हुए पैसे सरकार के खजाने में वापस करें।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगई ने शुक्रवार को कहा था, “हमारी मोटा-मोटी राय यह है कि महोदया मायावती इन हाथियों पर खर्च धन की प्रतिपूर्ति सरकार के खजाने को करें।”
प्रधान न्यायाधीश ने यह टिप्पणी एक याचिका पर सुनवाई के दौरान की। याचिका में उत्तर प्रदेश में बसपा संस्थापक कांशी राम को समर्पित स्मारक उद्यान में बनी मूर्तियों पर खर्च किए गए धन की वसूली की मांग की गई है।