जम्मू, 4 जनवरी – जम्मू एवं कश्मीर सीमा पर रविवार को शांति रही। एक दिन पहले पाकिस्तानी गोलीबारी में भारतीय सेना के दो जवान शहीद हो गए थे, और एक नागरिक की मौत हो गई थी। कई नागरिकों को सीमा पर स्थित अपने घरों को छोड़ने पर भी मजबूर होना पड़ा था। एक अधिकारी ने कहा कि रविवार को यद्यपि गोलीबारी या गोलाबारी नहीं हुई, लेकिन भयभीत ग्रामीणों ने सांबा और कठुआ जिलों में अस्थाई शिविरों में रहने का ही फैसला किया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “शनिवार शाम से अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर दो जिलों में पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा संघर्ष विराम का उल्लंघन नहीं किया गया।”
अधिकारी ने बताया कि तकरीबन 1,400 ग्रामीणों ने शनिवार को पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा की जा रही अंधाधुंध गोलाबारी के कारण अपने घरों से दूर सुरक्षित स्थलों पर पनाह ली थी।
अभी वे कठुआ जिले के हीरानगर, चान कहत्रियां और मारन तथा सांबा जिले के रीगल और चीची माता शिविरों में शरण लिए हुए हैं।
अधिकारी ने कहा कि कुछ परिवारों के पुरुष सदस्य मवेशियों को खाना खिलाने के लिए रविवार सुबह अपने गांवों में गए थे, लेकिन उन्होंने अपनी महिलाओं और बच्चों के साथ घर न लौटने का फैसला किया है।
जम्मू एवं कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान ने शनिवार को गोलीबारी की थी। गोलीबारी में दो सैनिक शहीद हो गए थे, और एक महिला की मौत हो गई थी। अन्य 10 लोग घायल हो गए थे।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतक महिला की पहचान तोषी देवी (45) के रूप में हुई है। मृतका के पति का नाम सोमनाथ है और वह सांबा के मंगू चाक गांव की रहने वाली थी। वह शनिवार को पाकिस्तान की ओर से की जा रही गोलीबारी में घायल हो गई थी और जम्मू के एक अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया। आठ घायलों का भी उसी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
गोलीबारी के कारण सैकड़ों नागरिकों को सीमा पर स्थित अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थान पर विस्थापित होना पड़ा। गोलीबारी के कारण सीमा पर स्थित गांव मानयारी, पानसर, बोबिया, लोंडी, सदेचक, चैलारी, चाचवाल, मांगू चाक, रेगाल, मावा, साधो और चाक फाकिरा जैसे गांव में रहने वाले दर्जनों परिवार अपना घर छोड़ दिया।
दूसरी घटना में पाकिस्तानी सेना ने तंगधार सेक्टर में भारतीय सेना की एक चौकी पर रॉकेट से गोले दागे। इन गोलों से भारतीय चौकी के आसपास सूखी घास में आग लग गई, और आग की चपेट में आने से दो भारतीय सैनिक शहीद हो गए, और दो जवान घायल हो गए।