भोपाल, 12 जनवरी (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ को ‘डाकू’ बताने पर प्रधानाध्यापक मुकेश तिवारी को निलंबित कर दिया गया। कमलनाथ ने तिवारी को माफ कर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न किए जाने की बात कही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कमलनाथ की ओर से जारी किया गया संदेश शनिवार को सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें कमलनाथ ने कहा है, “मुझे अभी ज्ञात हुआ है कि प्रदेश के जबलपुर में एक शासकीय स्कूल में पदस्थ एक प्राध्यापक ने एक बैठक में मेरा नाम लेकर मेरे लिए ‘डाकू’ शब्द का इस्तेमाल किया और इसका वीडियो सामने आने पर वहां के जिला प्रशासन ने शिकायत मिलने पर उन्हें सिविल सेवा आचरण नियम के तहत निलंबित किया है।”
कमलनाथ ने अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करते हुए लिखा है, “लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सभी को है, मेरा ऐसा मानना है कि मैं सदैव इसका पक्षधर रहा हूं। यह भी सही है कि शासकीय सेवा में पदस्थ रहते हुए उनका यह आचरण नियमों का उल्लंघन हो सकता है, इसलिए उन पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। लेकिन मैं यह सोचता हूं कि इन्होंने इस पद पर आने के लिए कितने वर्षो तक तपस्या, मेहनत की होगी। इनका पूरा परिवार इन पर आश्रित होगा। निलंबन की कार्रवाई से इन्हें परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है।”
कमलनाथ ने व्यक्तिगत तौर पर तिवारी को माफ करते हुए लिखा है, “एक मुख्यमंत्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी से इन पर निलंबन की कार्रवाई की जाए, यह नियमों के हिसाब से सही हो सकता है, लेकिन मैं व्यक्तिगत रूप से इन्हें माफ करना चाहता हूं। मैं नहीं चाहता हूं कि इन पर कोई कार्रवाई हो। एक शिक्षक का काम होता है, समाज का नवनिर्माण करना। विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा देना। उम्मीद करता हूं कि वे भविष्य में अपने कर्तव्यों पर ध्यान देंगे।”
कमलनाथ ने इस संदर्भ में जबलपुर के जिला प्रशासन को निर्देश भी दिए हैं और इसका हवाला देते हुए उन्होंने लिखा है, “मेंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि इनका निलंबन अविलंब समाप्त हो। इन पर कोई कार्रवाई न की जाए। वह ख़ुद तय करे कि जो इन्होंने जनता की चुनी हुई सरकार के मुख्यमंत्री के लिए जो कहा है, क्या वह सही है?”
सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हुआ है, उसमें तिवारी ने यह भी कहा है कि “पिछले 14 वर्षो में सेवा भारती को प्रताड़ित किया गया है। अपनों ने हमें परेशान किया।”
कमलनाथ ने आगे कहा है, “में इन्हें बस इतना विश्वास दिलाता हूं कि हमें गैर न समझें। हम बदले की भावना से कोई भी कार्य नहीं करेंगे और न ही अपनों की तरह आपको प्रताड़ित करेंगे।”
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के आधार पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए तिवारी को निलंबित करने का आदेश दिया था। यह वीडियो 8 जनवरी की एक बैठक का बताया जा रहा है।