नई दिल्ली, 31 दिसम्बर- रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को पूरी तरह से रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत लाया जाएगा तथा जो सड़कें गैर-संवेदनशील हैं, उन्हें भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को सौंप दिया जाएगा। बीआरओ फिलहाल सड़क परिवहन मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत है। परिवहन मंत्रालय जहां इसे धन मुहैया कराता है, वहीं रक्षा मंत्रालय इसके प्रबंधन से संबंधित काम देखता है।
पर्रिकर ने मंगलवार रात संवाददाताओं को बताया कि दोहरे नियंत्रण के कारण संस्था पर बुरा असर पड़ा है।
उन्होंने कहा, “बीआरओ को पूरी तरह से रक्षा मंत्रालय के अंदर लाया जाएगा। इसके दो प्रमुख होने के कारण भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। अगले साल के बजट में यह पूरी तरह रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत होगा।”
मंत्री ने कहा कि करीब 3,000 किलोमीटर सड़क को एनएचएआई को सौंप दिया जाएगा।
भारत-चीन सीमा के बराबर रेल संपर्क तैयार करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह जल्द ही रेल मंत्री सुरेश प्रभु के साथ बैठक करेंगे।
सीमावर्ती इलाकों में आधारभूत संरचनाओं के निर्माण पर चीन की आपत्ति के संदर्भ में पर्रिकर ने कहा, “हम अपनी सीमा में क्या करेंगे, यह सोचना उनका काम नहीं है।”