लखनऊ, 28 दिसंबर (आईएएनएस/आईपीएन)। लखनऊ शहर के काजी अबुल इरफान फिरंगी महली ने कहा कि इराक से लेकर सीरिया में जो कुछ इस्लाम के नाम पर हो रहा है, इस्लाम ही खुद उसकी मनाही करता है।
रविवार को प्रेस क्लब में ‘आतंकी समूह आईएसआईएस विश्व शांति के लिए खतरा’ विषय पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में महली ने कहा कि इस्लाम के प्रवर्तक हजरत मुहम्मद सल्लाल्लाहो अलैहिवस्सलम ने अपने सभी मानने वालों की तरफ से दूसरे धर्मो को इस्लामी रियासत में पूरे अधिकार दिए, उनकी जान मॉल इज्जत आबरू की हिफाजत की गारंटी दी! उनको कत्ल करना, उनके घरों को उजाड़ना, उनको धर्म के नाम पर सताना या उनको अगवा करना सब इस्लाम की सच्ची शिक्षा के विरुद्ध है।
मुस्लिम स्टूडेंट्स आर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (एमएसओ) के इस आयोजन में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष इरशाद काफी ने कहा कि आईएसआईएस जिस तरह मजलूमों पर जुल्म कर रही है, वह निंदनीय है। ऐसे लोगों को मुस्लमान तो क्या, इंसान भी नहीं कहा जा सकता।
खानकाहे गुलजारिया के सज्जादा नशीन मौलाना अबुल आस हसन मिस्बाही ने कहा, “हमारा यह मानना है की आईएसआईएस को रोकने के लिए सूफीवाद को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है। जो लोग बेगुनाहों का कत्ल कर रहे हैं, उन्हें मुसलमान नहीं कहा जा सकता।”
मुस्लिम कन्वेंशन के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद इकबाल कादरी ने कहा कि आईएसआईएस दुनिया को विनाश की तरफ ले जा रही है। इस्लाम ने हमेशा अमन का पैगाम दिया है। इस्लाम ने कभी भी दुनिया को बर्बाद करने या लोगों को कत्ल करने का आदेश नहीं दिया है।
रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुएब ने कहा कि जिस तरह से हिंदुस्तान में आईबी ने इंडियन मुजाहिदीन को पैदा किया है। इसी तरह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मुसलमानों को बर्बाद करने के लिए अमेरिका ने आईएसआईएस नामी गिरोह को पैदा किया है।
पिछड़ा समाज महासभा के अध्यक्ष एहसानुल हक ने कहा कि दुनिया के लोग अमेरिका व इसराइल का सामाजिक बहिष्कार करें। इसके बिना आतंकवाद को खत्म नहीं किया जा सकता।