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 ऑनलाइन रिटेल रहा सुर्खियों में | dharmpath.com

Tuesday , 26 November 2024

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ऑनलाइन रिटेल रहा सुर्खियों में

indexनई दिल्ली, 26 दिसंबर- देश के 38 हजार अरब रुपये के समग्र खुदरा व्यापार का एक छोटा हिस्सा 1 हजार अरब रुपये (16 अरब डॉलर) का ऑनलाइन रिटेल उद्योग वर्ष 2014 में विलय, अधिग्रहण और भारी-भरकम मूल्यांकन के कारण सुर्खियों में छाया रहा।

सबसे पहले दिसंबर में अनिल अंबानी के रिलायंस समूह ने यात्रा डॉट कॉम में अपनी 16 फीसदी हिस्सेदारी बेच दी और 2006 में किए गए अपने निवेश रकम को 12 गुना बढ़ा लिया। इसके साथ ही पोर्टल का बाजार मूल्य 50 करोड़ डॉलर हो गया।

ऑनलाइन रिटेल कंपनी फ्लिपकार्ट ने 70 करोड़ डॉलर की पूंजी जुटाई, जबकि उससे पहले भी कंपनी ने जुलाई में एक अरब डॉलर की पूंजी जुटाई थी। इससे रातो-रात कंपनी का बाजार मूल्य 6 अरब डॉलर हो गया। इसने एक अन्य ई-रिटेल कंपनी मिंत्रा का भी अपने में विलय कर लिया।

अक्टूबर में जापान की कंपनी सॉफ्टबैंक ने एक ई-रिटेल कंपनी स्नैपडील में 62.7 करोड़ डॉलर निवेश करने और देश के 19 शहरों में किराए पर कार उपलब्ध कराने वाली कंपनी ओला में 21 करोड़ डॉलर निवेश करने का फैसला किया।

अमेरिकी ऑनलाइन रिटेल कंपनी अमेजन ने भी पीछे न रहते हुए कहा कि वह भारतीय ई-रिटेल उद्योग में दो अरब डॉलर निवेश करेगी।

भारत में केपीएमजी के प्रबंधन परामर्श साझेदार अश्विन वेलोडी ने कहा, “(ई-कॉमर्स उद्योग के लिए) यह सरगर्मी भरी अवधि रही।”

वेलोडी ने आईएएनएस से कहा, “अच्छी बात यह हुई कि आखिरी जीत ग्राहकों की हो रही है। हर ओर से दबाव है और उसका लाभ ग्राहकों को मिल रहा है।”

16 अरब डॉलर का ई-कॉमर्स उद्योग सालाना 30-40 फीसदी की दर से विस्तार कर रहा है और अगले पांच साल में इसके 100 अरब डॉलर का हो जाने का अनुमान है।

वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत पड़ने वाले इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन (आईबीईएफ) के आंकड़े के मुताबिक देश में इस समय करीब 10 लाख ऑनलाइन रिटेल कंपनियां काम कर रही हैं।

फ्लिपकार्ट को हालांकि छह अक्टूबर को आयोजित ‘बिग बिलियन डे’ सेल में शर्मिदगी का सामना करना पड़ा।

वेबसाइट पर विशाल पैमाने पर ग्राहकों के आ जाने से वेबसाइट कुछ समय के लिए ठप्प हो गया। कंपनी ने हालांकि यह भी बताया कि ऑफर शुरू होने के कुछ ही मिनटों के अंदर भारी बिक्री दर्ज की गई थी।

इस बिक्री से पारंपरिक खुदरा व्यापारी स्पब्ध रह गए। खुदरा व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स वाणिज्य मंत्रालय से ई-रिटेल क्षेत्र पर नियम कसने की मांग की, लेकिन कुछ प्रमुख उद्योग संघों द्वारा गैरजरूरी नियमन से बचने की सलाह के बाद यह मुद्दा ठंडा पड़ गया।

आने वाले वर्ष में कई पारंपरिक रिटेल कंपनियों के ई-रिटेल क्षेत्र में अपना तेज विस्तार करने की उम्मीद है।

इसके अलावा कुछ ई-रिटेल कंपनियां पूंजी जुटाने की अगली कवायद के तहत शेयर बाजारों में सूचीबद्ध भी हो सकती हैं।

2014 के कुछ प्रमुख घटनाक्रम बिंदुवार इस प्रकार हैं :

– अमेरिकी कंपनी अमेजन ने भारतीय ई-कॉमर्स क्षेत्र में दो अरब डॉलर निवेश करने की घोषणा की

– सॉफ्टबैंक ने स्नैपडील में 62.7 करोड़ डॉलर और ओला कैब्स में 21 करोड़ डॉलर का निवेश किया

– फ्लिपकार्ट में 1.7 अरब डॉलर पूंजी निवेश से कंपनी का बाजार मूल्य सात अरब डॉलर

– रिलायंस समूह ने यात्रा डॉट कॉम में अपनी हिस्सेदारी बेचकर शुरुआती निवेश को 12 गुना बढ़ाया

– पारंपरिक रिटेल कारोबारियों ने ई-रिटेल कारोबार पर नियमन सख्त करने की मांग की, लेकिन विशेषज्ञों की राय पर मुद्दा ठंडा रहा।

ऑनलाइन रिटेल रहा सुर्खियों में Reviewed by on . नई दिल्ली, 26 दिसंबर- देश के 38 हजार अरब रुपये के समग्र खुदरा व्यापार का एक छोटा हिस्सा 1 हजार अरब रुपये (16 अरब डॉलर) का ऑनलाइन रिटेल उद्योग वर्ष 2014 में विलय नई दिल्ली, 26 दिसंबर- देश के 38 हजार अरब रुपये के समग्र खुदरा व्यापार का एक छोटा हिस्सा 1 हजार अरब रुपये (16 अरब डॉलर) का ऑनलाइन रिटेल उद्योग वर्ष 2014 में विलय Rating:
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