लखनऊ, 24 दिसम्बर – शिया-सुन्नी समझौते का सातवां ‘चुप ताजिये का जुलूस’ 31 दिसम्बर को निकाला जाएगा। इसी के साथ दो महीने आठ दिन पूर्व यानी पहली मोहर्रम को शुरू हुआ कर्बला के शहीदों का गम दौर खत्म हो जाएगा।
प्रशासन इस जुलूस को लेकर बहुत सतर्क है और सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त कर रहा है। इसके मद्देनजर पुराने शहर को पांच जोन व 22 सेक्टर में बांटे जाने की तैयारियां चल रहीं हैं।
इसके अलावा जुलूस मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जाएंगे और जुलूस पर ड्रोन कैमरा नजर रखेगा। चुप ताजिये के जुलूस को लेकर जिला प्रशासन बहुत सतर्क है। इसको लेकर पुराने शहर के सभी संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षाबल तैनात किये जाएंगे। पुराने शहर में अमन व शान्ति बरकरार रखने के लिए राजधानी के अलावा आसपास के जिलों से भारी संख्या में पुलिस बल बुलाए जा रहे हैं।
चुप ताजिये का जुलूस तड़के इमामबाड़ा नाजिम साहब से निकलेगा और रौजा-ए-काजमैन पहुंचकर समाप्त हो जाएगा। जुलूस में हाथी पर अलम लिए लोग, ऊंटो पर अम्मारियां, जुलजुनाह, हजरत अली असगर का झूला, हजरत अब्बास अलैहिस्सलाम के अलम और दो ताजिये होंगे। जुलूस निकलने से पूर्व इमामबाड़ा नाजिम साहब में मजलिस होगी।