नई दिल्ली, 18 दिसम्बर- लोकसभा में गुरुवार को ई-रिक्शा (बैटरी चालित रिक्शा) को मोटर वाहन अधिनियम के तहत लाकर उसे कानूनी मान्यता प्रदान करने के लिए एक विधेयक पारित कर दिया गया। मोटर वाहन अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2014 केंद्र सरकार को ई-रिक्शा के लिए कानून बनाने तथा इनके चालकों को ड्राइविंग लाइसेंस देने के तरीकों तथा शर्तो का अधिकार देता है।
चर्चा के दौरान एक सवाल के जवाब देते हुए परिवहन, राजमार्ग एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि विधेयक के पारित होने से पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित होगी तथा गरीबों को रोजगार मिलेगा।
उन्होंने कहा, “देश में लगभग एक करोड़ लोग हैं, जो रिक्शा तथा ठेला चलाते हैं। हम उन्हें शारीरिक श्रम से मुक्ति दिलाना चाहते हैं और उन रिक्शों की जगह ई-रिक्शा लाना चाहते हैं।”
यह विधेयक ई-रिक्शा चालकों को ड्राइविंग लाइसेंस में भी छूट प्रदान करता है।
हालांकि, कांग्रेस चाहती थी कि इस विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजा जाता। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “यह एक मानक प्रक्रिया है।”
उन्होंने कहा, “यह गलत मिसाल पेश करता है। तब तो स्थायी समिति की कोई भूमिका ही नहीं रह जाएगी। हम गरीबों के खिलाफ नहीं हैं।”
वहीं, केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि इस सत्र में कई विधेयकों को स्थायी समिति के पास भेजा गया है।
उन्होंने कहा, “लेकिन जहां हमें लगता है कि ज्यादा जरूरत नहीं है, तो हम समय नष्ट क्यों करें।”
इससे पहले, कांग्रेस सांसद रंजीता रंजन ने ई-रिक्शा की सुरक्षा पर सवाल उठाया और कहा कि क्या उन्हें संवेदनशील इलाकों जैसे संसद के नजदीक चलाने की अनुमति देंगे।
अपना दल की अनुप्रिया पटेल ने इस विधेयक की प्रशंसा की और कहा कि यह गरीब समर्थित तथा पर्यावरण के अनुकूल है।
गडकरी ने उन आरोपों को खारिज किया, जिसके मुताबिक अगले वर्ष होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इस विधेयक को लाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही दिशा-निर्देश तैयार कर लिए थे, लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि ई-रिक्शा को मोटर वाहन अधिनियम के अंदर लाना चाहिए।
विधेयक में यह भी कहा गया है कि वाहन को भाड़े पर नहीं लगाया जा सकेगा और यह चालक का अपना होगा।