लखनऊ-समूचे उत्तर प्रदेश से आए हजारों मजदूर एवं कर्मियों ने शुक्रवार को राजधानी लखनऊ की सड़कांे पर उतरकर केंद्र व उप्र सरकार की नीतियों के खिलाफ रोष जताया। पुलिस की भारी घेराबंदी के बावजूद देशव्यापी आह्वान पर केंद्रीय श्रम संगठन के नेतृत्व में मजदूरों और कर्मचारियों का जुलूस विधान भवन के सामने पहुंचा और जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने वहां मुख्य मार्ग के एक तरफ की सड़क पर कब्जा कर लिया। इससे ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। प्रदर्शन में नौ करीब नौ संगठन शामिल थे। वहीं श्रम संगठनों ने अपनी 12 सूत्री मांगों के लिए आंदोलन और तीव्र गति प्रदान करने का ऐलान किया।
उप्र के विभिन्न जिलों से मजदूर और कर्मचारी शुक्रवार को चारबाग में जमा हुए। इसके बाद करीब 12 बजे प्रदर्शनकारी जुलूस निकालते हुए विधान भवन के सामने पहुंचे। हजारों की तादात में आए मजदूरों और कर्मियों ने राजधानी की लाइफलाइन कहलाने वाला मुख्य मार्ग पूरी तरह अपने कब्जे में कर लिया। इससे हजरतगंज समेत आस पास के क्षेत्रों में भारी जाम लग गया।
मौके पर तैनात पुलिस और पीएससी ने काफी मशक्कत के बाद प्रदर्शनकारियों को सड़क के एक तरफ किया, जिससे बाद यातायात पटरी पर आ सका। वहीं प्रदर्शनकरी आधे मुख्य मार्ग पर कब्जा कर नारेबाजी करते रहे।
इस दौरान मौजूद भारतीय मजूदर संघ (भामस) के प्रदेश अध्यक्ष आरपीएस यादव ने केंद्र सरकार पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि संसद में विधेयक लाकर श्रम कानूनों में पर्वितन कर केंद्र सरकार करोड़ों मजदूरों के पेट पर लात मार रही है। इसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ऊपर से सब ठीक दिख रहा है, मगर सरकारी घाटा पूरा करने के लिए सार्वजनिक कंपनियों को बेचकर देश को गहरे आर्थिक संकट में डुबाया जा रहा है।
यादव ने प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों पर ही सपा सरकार भी चल रही है। इस कारण मजदूर कर्मचारियों का शोषण चरम पर है।
उन्होंने मांग की है कि न्यूनतम वेतन कानून में संशोधन कर इसे लागू किया जाए, न्यूनतम वेतन 1500 रुपये प्रतिमाह किया जाए, नया पेंशन कानून वापस लिया जाए और श्रम कानून शीघ्र लागू करने समेत अन्य सभी मांगों पर तत्काल कार्यवाही की जाए।
प्रदर्शन में सीटू, एटक, इंटक, बीएमएसए, एचएसएस, एक्टू, एआईटीयूसी, टीयूसी एएचएम संगठनों के अलावा आंगनबाड़ी कर्मी, मनरेगा व भट्ठा मजदूर तथा राज्य के हजारों कर्मी भी बड़ी संख्या में शामिल हुए।