अनिल सिंह(भोपाल)– भोपाल महापौर कृष्णा गौर का कार्यकाल नासमझी भरा रहा है इसका एक उदाहरण भाजपा मुख्यालय के सामने स्थित टॉयलेट निर्माण के लिए बने भवन को पुस्तकालय में बदलना रहा है उस पर भी तुर्रा यह की उसे निगम संचालित भी नहीं कर पा रहा.आपको कोई भी पुस्तक इसमें उपलब्ध नहीं होगी.एक महिला कर्मचारी रोज इसे कुछ देर के लिए खोलती है और चली जाती है.जब उससे पुछा गया की क्यों नहीं है कोई किताबें तो वह चुप रही.
चूंकि भाजपा मुख्यालाय के व्यावसायिक परिसर का टॉयलेट दीवार चुनवा कर बंद कर दिया गया है जिसे उसी परिसर में ट्रेवल्स संचालित करने वाले एक दबंग ने करवाया है और भाजपा की सारी व्यवस्था उसके आगे बौनी पड़ गयी.
इसके फलस्वरूप एक मूत्रालय का निर्माण ग्रीन बेल्ट में किया गया और उसे किसी दबाव में पुस्तकालय में बदल दिया गया.लेकिन समस्या और बढ़ गयी उस भवन के चहुँ और लोग मूत्र-विसर्जन करते पाए जाते है और बदबू के मारे लोगों का वहां बैठना मुश्किल है लेकिन अन्दर पुस्तकालय है.
तुर्रा यह की एक और भवन बन रहा है जो सड़क पर ही बना दिया गया है.भाजपा सत्ता के मद में सामान्य नियम,कानूनों को की भूल गयी है.मजबूरी में चलाये जा रहे पुस्तकालय में कोई पुस्तक ही नहीं है.