नई दिल्ली, 22 नवंबर –केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने जल संरक्षण के क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल और इसे जन आंदोलन बनाने पर बल दिया है। शनिवार को यहां जल संसाधनों के इष्टतम उपयोग विषय पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन ‘जल मंथन’ के तीसरे दिन के सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस जन आंदोलन को गांव-गांव तक ले जाने की जरूरत है, जिसके लिए ‘हमारा जिला हमारा जल’ कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अगले वर्ष 13 से 17 जनवरी तक भारत जल सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है और इसी दौरान हमारा जिला हमारा जल कार्यक्रम भी शुरू किया जाएगा। भारती ने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिए लोगों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करने के साथ-साथ देश के सभी जिलों में उन स्थानों का पता लगाया जाएगा जहां जल संरक्षण की जरूरत है और फिर वहां जल संरक्षण की शुरूआत की जाएगी।
मंत्री कहा कि सरकार देश के हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस काम के लिए यदि कानून में बदलाव की जरूरत भी पड़ी तो वह इसके लिए भी तैयार हैं।
मंत्री ने कहा कि कल नदी जोड़ों योजना के बारे में सम्मेलन में हुए गहन विचार विमर्श को उन्होंने खुद सुना। भारती ने कहा कि ‘इस बारे में कई अच्छे सुझाव आए। कोई भी सुझाव नदियों को जोड़ने के खिलाफ नहीं था। लोगों ने सिर्फ इस राह में आने वाली कुछ बड़ी कठिनाईयों का उल्लेख किया। नदी जोड़ों योजना पर कल हुई चर्चा पर निष्कर्ष यह निकला कि एक दो राज्यों को छोड़ कर किसी भी राज्य को इस पर आपत्ति नहीं है। हम इन राज्यों की शंकाओं को दूर करेंगे।’
मंत्री ने नागरिक समाज और स्वयंसेवी संगठनों से भी इस दिशा में सहयोग की अपील करते हुए कहा कि वे जनता के बीच नदी जोड़ों अभियान को लेकर जागरूकता पैदा करें।
तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय द्वारा किया गया। सम्मेलन में राज्यों के सिंचाई मंत्री, जल संसाधन सचिव और अन्य हितधारकों ने जल से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। इसका मुख्य उद्देश्य मंत्रालय की नीतियों को लोगों के प्रति ज्यादा मित्रवत बनाने और राज्यों की आवश्यकताओं के प्रति उन्हें ज्यादा उत्तरदायी बनाना था। सम्मेलन में राज्यों से आये मंत्रियों और अधिकारियों समेत लगभग 300 विशेषज्ञों ने भाग लिया।