कोलकाता, 22 नवंबर –| पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शारदा चिटफंड घोटाला मामले में गिरफ्तार किए गए तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सृंजय बोस को शनिवार को 26 नवंबर तक के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो की हिरासत में भेज दिया गया। वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया तथा प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की चुनौती दे डाली। ममता ने कहा कि वह डराने वाली राजनीति से पीछे नहीं हटेंगी, बल्कि उसका मुंहतोड़ जवाब देंगी।
यही नहीं, उन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया और उसके पुनर्गठन की मांग की।
ममता ने जहां केंद्र सरकार व सीबीआई पर सवाल उठाए, वहीं राज्यपाल के.एन.त्रिपाठी ने बोस की गिरफ्तारी को जायज करार देते हुए कहा कि एजेंसी के पास पर्याप्त कारण होंगे, तभी उसने ऐसा किया।
पार्टी कार्यकर्ताओं को यहां संबोधित करते हुए ममता ने कहा, “हमारे सांसद को केवल इसलिए गिरफ्तार किया गया, क्योंकि एक धर्मनिरपेक्ष दलों के सम्मेलन में भाग लेने मैं दिल्ली गई थी।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लगातार होने वाली विदेश यात्राओं की खिल्ली उड़ाते हुए ममता ने कहा, “देश के प्रधामंत्री भारत में कितना समय ही बिताते हैं। वह आदमी जिसके खिलाफ दंगों के कई मामले दर्ज हुए वह कैसे मेरे ऊपर उंगली उठा सकता है।”
उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार विभाजनकारी राजनीति कर रही है। भारत में सांप्रदायिक हिंसा सिर उठा रही है। आने वाले समय में एक लड़ाई होने वाली है। हमें लड़ना होगा। हमें किसी से डर नहीं। हम चुनौती स्वीकार करते हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “यदि हमपर हमला होता है, तो हम उसका जवाब देंगे। हमें कोई आंख न दिखाए। हम आप पर निर्भर नहीं हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “हम सत्ता के दास नहीं हैं। हम कमजोर नहीं हैं। हम उनकी हर कार्रवाई का राजनीतिक जवाब देंगे। यदि वह चाहते हैं, तो अनुच्छेद 356 लागू कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “सोनिया गांधी जैसे अन्य नेता शांत हैं, क्योंकि वे डरे हुए हैं। लेकिन आप मुझे शांत नहीं कर सकते। मैं किसी से नहीं डरती। मुझे चुप नहीं किया जा सकता।”
ममता ने घोषणा की कि तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ केंद्र सरकार की साजिश को लेकर उनकी पार्टी शहर में 24 नवंबर को एक जनसभा आयोजित करेगी।
मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की खिल्ली उड़ाते हुए बनर्जी ने कहा, “सबसे पहले तो स्वच्छ आदमी की खोज करनी चाहिए (स्वच्छ छवि के व्यक्ति की)। भारत को महात्मा गांधी तथा नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे नेताओं की जरूरत है। हमें वैसे नेताओं की जरूरत है, जो सबको साथ लेकर चले।”
उन्होंने कहा, “राजनीतिक प्रतिशोध के खिलाफ हमारी लड़ाई शुरू हो चुकी है। विरोध करने वालों को वह नहीं चाहते। वे मुझसे डरे हुए हैं, इसलिए मेरे खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं।”
वहीं राज्यपाल के.एन.त्रिपाठी ने संवाददाताओं से कहा, “सीबीआई के पास पर्याप्त सबूत और कारण होंगे, तभी उन्होंने बोस को गिरफ्तार किया होगा। इसलिए, मेरे लिए अभी इस मामले पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।”
बाद में एक अन्य कार्यक्रम में सीबीआई की भूमिका के बारे में सवाल पूछने पर त्रिपाठी ने कहा, “यह आप सीबीआई से ही पूछें कि वह स्वतंत्रतापूर्वक काम कर रही है या किसी के दबाव में। मैं यहां सीबीआई की तरफ से उत्तर देने के लिए नहीं हूं।”
उन्होंने कहा, “सीबीआई से पूछिए। वही आपको बताएंगे। मैं सीबीआई नहीं हूं।”
शारदा के प्रोमोटर और घोटाले के मास्टर माइंड सुदीप्त सेन ने पिछले साल कथित रूप से सीबीआई को पत्र लिखकर बोस पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था।