नई दिल्ली, 18 सितम्बर (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को पटना उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें उच्च न्यायालय ने मुजफ्फरपुर आश्रय गृह दुष्कर्म मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) को नई जांच टीम गठित करने के आदेश दिए थे। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने कहा कि अब मौजूदा जांच टीम में बदलाव करना ‘अहितकर’ होगा।
न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा, “जांच कर रही टीम के विरुद्ध कोई आरोप नहीं है। हम इसमें कोई कारण नहीं देख रहे हैं कि क्यों मुजफ्फरपुर आश्रयगृह की जांच कर रहे टीम को इस समय बदला जाना चाहिए।”
पीठ ने कहा, “हम इसमें कोई कारण नहीं देखते कि क्यों नई टीम का गठन करना चाहिए..हम पटना उच्च न्यायालय के 29 अगस्त के आदेश पर रोक लगाते हैं।”
सीबीआई की तरफ से पेश महान्यायवादी के.के. वेणुगोपाल इस मामले को शीर्ष अदालत के समक्ष पेश किया।
मौजूदा जांच टीम को 30 जुलाई को गठित किया गया था।
पीठ ने सीबीआई से जांच के दो स्टेटस रिपोर्ट भी पेश करने के लिए कहे, जो कि उच्च न्यायालय के समक्ष पहले दाखिल किए गए थे।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर को मुकर्रर कर दी।