अनिल सिंह(धर्मपथ)-छत्तीसगढ़ राज्य जो सनातन में देव-भूमि कहा गया है आज भी इस भूमि पर सनातन की कथाओं और उनकी प्रामाणिकता के चिन्ह साक्ष्य के रूप में मिलते हैं.
इस देव-भूमि पर कांग्रेस के समय में धर्मान्तरण खूब फला -फूला यह आरोप भाजपा हमेशा से लगाती आई है लेकिन उसके दीर्घ सुशासन में स्थिति और भी भयावह हो गयी है.वर्तमान घटना बस्तर के मधौता गाँव की है जहाँ ईसाई पास्टरों ने गाँव में धर्मान्तरण का प्रयास किया जब गाँव के कुछ युवकों ने इसका विरोध किया तब उन्होंने एक-जुट हो कर हमला का दिया गाँव के युवकों पर.
जब जगदलपुर जिलाधीश अंकित आनद से बात की गयी तब उन्होंने बताया की यह विवाद पुराना है गाँव के लोग चाहते हैं की स्थानीय इसाई आदिवासी भी उनके कार्यक्रमों में शामिल हों लेकिन इसाई पास्टर इसका विरोध करते हैं और विवाद की स्थिति निर्मित होती है.शनिवार को हुए इस झगडे में 5 हिन्दू एवं 2 इसाई स्थानीय लोगों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया जिन्हें बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया लेकिन वे 20-25 की संख्या के पास्टर कहाँ गए यह पूछने पर इन्होने जानकारी होने से इनकार किया.जब जिलाधीश महोदय से पुछा गया की आप के क्षेत्र में गौ-वंश की खरीद-फरोख्त होती है जिसे काटने के लिए बाहर के व्यापारी ले जाते हैं उनके बाजार को हिन्दू संगठनों द्वारा बंद करवाया गया है लेकिन पुनः बाजार शुरू कर लिया गया है इस पर अंकित आनंद ने ऐसी किसी भी जानकारी से इनकार किया.
दरअसल रमन सिंह के शासन में धर्मांतरण विषय को लेकर मिशनरी संस्थाएं आक्रामक हुई है और अपने कार्यों में तेजी लायी हैं हिन्दू संगठनों द्वारा बार-बार चेताने पर भी प्रशासन और सत्ता इस और से बेखबर है और टकराव एवं धर्मान्तरण बढ़ता जा रहा है.