नई दिल्ली, 1 नवंबर – कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह शनिवार को मानहानि के एक मामले में राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत के समक्ष प्रस्तुत हुए। सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उन पर मानहानि का मुकदमा दायर किया था। महानगर दंडाधिकारी गोमती मनोचा की अदालत के समक्ष सुबह में दिग्विजय सिंह पेश नहीं हुए और उन्होंने दिन भर के लिए छूट की मांग की थी, जिसका गडकरी के वकील ने विरोध किया था।
दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने कांग्रेस नेता के खिलाफ एक जमानती वारंट जारी किया तथा अदालत में गडकरी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की मांग की।
कांग्रेस नेता बाद में दिन में अदालत में उपस्थित हुए।
अदालत में उनके उपस्थित होने के बाद दिग्विजय सिंह के जमानती वारंट को रद्द कर दिया गया।
अदालत ने उन्हें 10 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने का निर्देश दिया।
दंडाधिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर गडकरी 10 नवंबर को अदालत के समक्ष पेश होने में विफल रहते हैं, तो उनकी याचिका को खारिज कर दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी नेता गडकरी ने 2012 में दिग्विजय सिंह के खिलाफ मानहानि का एक मामला दायर किया था। दिग्विजय ने उनपर भाजपा सांसद अजय संचेती से व्यापारिक संबंध रखने का आरोप लगाया था। संचेती पर कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में काफी पैसे बनाने का आरोप लगा है, बाद में सर्वोच्च अदालत ने कोयला ब्लॉक आवंटन को रद्द कर दिया था।
शिकायत में कहा गया है कि दिग्विजय ने गडकरी पर आरोप लगाया था कि संचेती को कोयला ब्लॉक आवंटन के लिए उन्होंने 490 करोड़ रुपये लिए थे।