विशाखापत्तनम- आंध्र प्रदेश में रविवार को आए चक्रवाती तूफान हुदहुद ने भारी तबाही मचाई। तटीय आंध्र में तूफान से 21 लोगों की जान चली गई, छह हजार घर नष्ट हो गए और छह लाख लोग प्रभावित हुए। तूफान के एक दिन बाद सोमवार को तबाही का मंजर सामने आया और राहत कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है। प्रदेश का सबसे बड़ा तटीय शहर विशाखापत्तनम सोमवार को भी अंधेरे में रहा और बिजली बहाल नहीं हो पाई। तूफान ने संचार, पेजयल जैसी सुविधाओं को ध्वस्त कर दिया। करीब-करीब सभी तरह की भौतिक सुविधाएं ध्वस्त हो गई।
रविवार को 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार आए तूफान और भारी बारिश ने इस 18 लाख की आबादी वाले शहर का सुख-चैन छीन लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को तूफान प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे।
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र सरकार से दो हजार करोड़ रुपये अंतरिम राहत की मांग की है। उन्होंने प्रधानमंत्री से इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग भी की।
तूफान ने विशाखापत्तनम जिले में 15 लोगों की जान ले ली। विजयनगरम में पांच और श्रीकाकुलम में एक व्यक्ति की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि अधिकतर मौतें पेड़ गिरने की वजह से हुईं।
चक्रवाती तूफान ने क्षेत्र में अनुमान से कहीं ज्यादा तबाही मचाई है। तूफान प्रभावित क्षेत्रों में सोमवार को बारिश कम होने और आंधी थमने के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकले।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीअरएफ) की टीम ने विभिन्न सरकारी विभागों के कर्मचारियों की मदद से अांधी और तेज बारिश के कारण सड़कों पर गिरे पेड़ों, बिजली के तारों, खंभों और होर्डिग को हटाने का काम शुरू किया।
तूफान की सूचना मिलते ही पहले से उठाए गए एहतियाती कदमों के कारण लोगों की जान बचाई जा सकी। वहीं तूफान के कारण क्षेत्र में बिजली और संचार व्यवस्था पूरी तरह छिन्न-भिन्न हो गई है। यातायात, परिवहन व्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा और हजारों एकड़ भूमि पर लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं। भारी बारिश के कारण शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए।
विशाखापत्तनम में हवाईअड्डा, रेलवे स्टेशन और बस अड्डे भी तूफान में क्षतिग्रस्त हुए। शहर में सोमवार को लगातार दूसरे दिन बिजली आपूर्ति ठप है और संचार प्रणाली, मोबाइल फोन सेवा भी बंद है।
आंध्र प्रदेश सरकार के सलाहकार (संचार) परकला प्रभाकर ने बताया कि तटीय चार जिलों में 6638 घर ध्वस्त हो गए। उन्होंने बताया कि 109 स्थानों पर रेल पटरी और सड़कों को नुकसान पहुंचा है।
लोगों को मूलभूत एवं रोजमर्रा की जरूरतों जैसे पीने के पानी, दूध और अन्य वस्तुओं की आपूत्र्ति बंद होने के कारण मुश्किलों से गुजरना पड़ रहा है।
दुकानों और पेट्रोल पंप पर सोमवार को लोगों की लंबी कतारें देखी गईं। सड़कों पर पेड़ों, बिजली के खंभों, तारों के गिरे होने के कारण राज्य सड़क परिवहन निगम शहर में यातायात सेवा शुरू नहीं कर पाई है। लोग दोपहिया वाहनों का प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन पेट्रोल पंप पर भी ईंधन खत्म हो चुका है।
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार को तूफान प्रभावित क्षेत्रों का हवाई दौरा किया। उन्होंने कहा कि 5,00,000 लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है।
एनडीआरएफ की 24 टीमें, सेना की दो टुकड़ियां, छह हेलीकॉप्टर और 56 नौकाएं तूफान प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत अभियान के तहत तैनात की गई हैं।