भोपाल, 13 अक्टूबर –मध्य प्रदेश के मत्स्यपालकों को मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए उन्हें उन्नत तकनीक की जानकारी देने के मकसद से राजधानी भोपाल में 14 अक्टूबर को राज्यस्तरीय मत्स्य-कृषक संगोष्ठी आयोजित की गई है। आधिकारिक तौर पर बताया गया है कि संगोष्ठी में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के मत्स्य वैज्ञानिक और विशेषज्ञों द्वारा मछलीपालन के क्षेत्र में कृषकों को तकनीकी मार्गदर्शन देंगे। मत्स्य-कृषकों की समस्याओं का निराकरण भी विशेषज्ञों द्वारा किया जाएगा। संगोष्ठी में मत्स्य-कृषकों के अनुभव के आदान-प्रदान के साथ ही विभिन्न विषय पर खुली चर्चा भी होगी।
प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में लोगों को रोजगार तथा प्रोटीनयुक्त भोजन उपलब्ध कराने में मछुआ कल्याण विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। कृषि सेक्टर में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में मत्स्य-क्षेत्र की भागीदारी 5़30 प्रतिशत है। प्रदेश में चार लाख हेक्टेयर से अधिक जलक्षेत्र उपलब्ध है, जिसके 98 प्रतिशत क्षेत्र में मछली पालन हो रहा है।
बताया गया है कि वर्ष 2009-10 में मछली उत्पादन की वृद्धि दर ऋणात्मक थी, जो बढ़कर विगत तीन साल में 13 प्रतिशत हो गई। वर्तमान में मछली उत्पादन 96 हजार 200 मीट्रिक टन से अधिक है।