नई दिल्ली, 12 अक्टूबर- जब भी बात राजमार्ग निर्माण या अधोसंरचना विकास की आती है, तो सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि इससे ‘पेड़ कटेंगे’। लेकिन अब इसका समाधान ढूढ़ लिया गया है और वह यह कि पूरे पेड़ को उखाड़ कर दूसरी जगह लगा दिया जाएगा, जैसा कि गुजरात में किया गया है। यह बात सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कही है।
गडकरी ने कहा कि यह विचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया है।
गडकरी ने आईएएनएस से कहा, “मोदी ने मुझसे कहा, नितिन, तुम पेड़ मत गिराओ (गुजराती भाषा का हिंदी में अनुवाद)।”
गडकरी के मुताबिक उनका मंत्रालय ऐसे कई कदम उठा रहा है, जो अधोसंरचना विकास पर पर्यावरणविदों के दबाव को कम करेंगे।
पेड़ को एक स्थान से उखाड़कर दूसरे स्थान पर लगाने के लिए हाइड्रोलिक प्रणाली पर काम करने वाली एक मशीन की जरूरत होती है, जो एक ट्रक पर लगी होती है। यह मशीन पेड़ उखाड़कर उसे उसी समय उठाकर दूसरे स्थान पर ले जाकर स्थापित कर देती है।
मशीन का एक कुशल संचालक रोजाना छह से 10 पेड़ों को एक स्थान से उखाड़कर दूसरे स्थान पर लगा सकता है। ऐसी हर मशीन की कीमत 75 लाख होती है, जिसमें ट्रक की कीमत शामिल नहीं है।
इस प्रौद्योगिकी का एशिया-प्रशांत देशों, दक्षिण अमेरिका, यूरोप और मेक्सिको में काफी इस्तेमाल हो रहा है।
ऐसी सात इकाइयों का संचालन गुजरात में हो रहा है। इनका इस्तेमाल राज्य में वानिकी विभाग के अलावा अडानी माइनिंग, गुजरात अल्कली, जिंदल स्टील और एस्सार जैसी कंपनियां कर रही हैं।
मशीन का निर्माण करने वाली कंपनी डोनियर ड्रेक के एशिया प्रशांत क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक एप्रील ब्राउन ने आईएएनएस से कहा, “मशीन का उपयोग वानिकी, लैंडस्केपिंग, खनन और राजमार्ग तथा पाइपलाइन निर्माण में होता है।”
ब्राउन ने कहा, “हमने पहली मशीन एस्सार को बेची थी। मशीन के उद्घाटन समारोह में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे।”